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योग की दुनिया में इन 10 गुरूओं ने कमाई शौहरत, चारों और फैलाया योग

Published: Jun 21, 2018 04:37:13 pm

Submitted by:

Anil Kumar

इन 10 हस्तियों ने योग की दुनिया में काफी शाहरत कमाई और इन्होंने योग को खूब फैलाया

Yoga Guru Jaggi Vasudev

योग की दुनिया में इन 10 गुरूओं ने कमाई शौहरत, चारों और फैलाया योग

21 जून 2018 यानी चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग जिसको आज पूरी दुनिया सेलिब्रेट कर रही है। भारत की इस महान देन योग को पूरी दुनिया फॉलो करते हुए अपना निरोगी जीवन जीने की राह पर चल रही है। अब योग के पूरी दुनिया में फैलने के साथ ही इससे लाखों लोगों को अपना कॅरियर बनाने का मौका भी मिल रहा है। लेकिन यहां हम आपको उन 10 योग गुरुओं के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने योग को पूरी दुनिया में फैलाया और खूब शौहरत कमाई।

 

आदि शंकराचार्य-
आदिगुरु शंकराचार्य पहले ऐसे गुरू थे जिन्होंने उनके समय में लगभग खत्म हो चुकी वेद की शिक्षा को फिर से पुनर्जन्म दिया और इसके सभी पहलुओं को संभाला। उन्होंने देशभर में घूमकर अद्वैत वेदांत सिद्धांत को फिर से जीवित किया जिसका एक पहलू योग भी था। आदिगुरू शंकराचार्य के अनुसार योग से दिमाग पवित्र और शांत होता है।

 

स्वामी शिवानंद सरस्वती-
पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद स्वामी शिवानंद सरस्वती का योग, वेदांत और कई अन्य विषयों से काफी लगाव था जिन पर उन्होंने 200 से ज्यादा किताबें लिखी। उनका शिवानंद योग वेदांत के नाम से एक योग केंद्र भी है। उन्होंने कर्म और भक्ति के साथ योग का भी पूरी दुनिया में प्रचार किया।


परमहंस योगानंद-
परमहंस योगानंद ने योग पर आधारित ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी’ लिखी है जो काफी मशहूर है। उन्होंने ही सबसे सपहले पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और योग से अवगत कराया। परमहंस योगानंद को योग का सबसे पहला और मुख्य गुरू माना जाता है।


महर्षि महेश योगी-
महर्षि महेश योगी भारत समेत पूरी दुनिया में ‘ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन’ के गुरू रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा श्री श्री रविशंकर भी महर्षि महेश योगी के शिष्य हैं।


तिरुमलाई कृष्णमचार्य-
तिरुमलाई कृष्णमचार्य को ही ‘आधुनिक योग का पिता’ माना जाता है। उनको ही हठयोग और विन्यास को पुनर्जीवित करने का श्रेय जाता है।


बी के एस अयंगर-
इन्होंने योग को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इनका ‘अंयगर योग’ के नाम से एक योग का स्कूल भी है। उनकी ‘लाइट ऑन योग’ नामक किताब को योग बाइबल माना जाता है।


धीरेंद्र ब्रह्मचारी-
इनको इंदिरा गांधी के योग टीचर के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने योग पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिखकर उसे काफी बढ़ावा दिया है।


स्वामी चिदानंद सरस्वती-
स्वामी चिदानंद ने सन्यासी बनकर शिवानंद आश्रम बनाया जहां से योग का प्रचार—प्रसार किया।


स्वामी राम-
स्वामी राम पहले ऐसे योगी हैं जो अपने शरीर की प्रक्रियाओं पर ब्लड-प्रेशर, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान की तरह नियंत्रण रख सकते हैं। उनके द्वारा ‘हिमालयन इंटरनैशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ योगा सांइस एण्ड फिलॉसफी’ की स्थापना की गई थी जिसकी भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं।

 

जग्गी वासुदेव-
जग्गी वासुदेव अपनी नॉन-रिलीजियस और नॉन-प्रॉफिट ईशा फाउंडेशन के जरिए दुनियाभर में योग का प्रचार—प्रसार करने समेत उसका प्रशिक्षण देते हैं।

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