उज्जैन.
माधव आट्र्स एवं कॉमर्स कॉलेज में बढ़ती विद्यार्थियों की संख्या के चलते 3.86 करोड़ से छह कमरों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इन कमरों के निर्माण के लिए 7 माह पहले उच्च शिक्षा मंत्री ने भूमिपूजन भी किया था। उम्मीद थी नए सत्र में यह कक्ष बनकर तैयार हो जाएंगे और विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा, लेकिन 7 माह गुजरने के बावजूद निर्माण एजेंसी पीआइयू काम तक शुरू कर पाई है। इसका करण जिस ठेकेदार को काम सौंपा था उसने महंगाई बढऩे का हवाला देकर दूरी बना ली। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं जल्द काम शुरू होगा।
अंकपात स्थित शासकीय माधव कला एवं आट्र्स कॉलेज में पिछले वर्ष छात्रों की संख्या 6703 थी। नए शैक्षणिक सत्र में इस संख्या में और इजाफा होना है। छात्रों की बढ़ती संख्या के कारण यहां अतिरिक्त कक्ष की जरूरत है। इसी के चलते ४५ बाय ६५ मीटर क्षेत्र में 6 नए कक्ष बनाने के लिए 3.86 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। निर्माण एजेंसी पीआइयू के टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही 12 जनवरी 22 को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक पारस जैन व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखाडिय़ा की मौजूदगी में भूमिपूजन हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। भूमिपूजन का पत्थर प्राचार्य कक्ष में रखा है, जबकि नए शैक्षणिक सत्र को ध्यान में रखते हुए कक्षों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना चाहिए था। बताया जा रहा है कि पीआइयू द्वारा निर्माण कार्य में गंभीरता नहीं बरते जाने से और ठेकेदार की लेटलतीफी से यह नौबत बनी है। ऐसे में अब तक कक्ष नहीं बनने से इस वर्ष विद्यार्थियों को पढऩे के लिए परेशानी आ सकती है।
माधव आट्र्स एवं कॉमर्स कॉलेज में बढ़ती विद्यार्थियों की संख्या के चलते 3.86 करोड़ से छह कमरों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इन कमरों के निर्माण के लिए 7 माह पहले उच्च शिक्षा मंत्री ने भूमिपूजन भी किया था। उम्मीद थी नए सत्र में यह कक्ष बनकर तैयार हो जाएंगे और विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा, लेकिन 7 माह गुजरने के बावजूद निर्माण एजेंसी पीआइयू काम तक शुरू कर पाई है। इसका करण जिस ठेकेदार को काम सौंपा था उसने महंगाई बढऩे का हवाला देकर दूरी बना ली। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं जल्द काम शुरू होगा।
अंकपात स्थित शासकीय माधव कला एवं आट्र्स कॉलेज में पिछले वर्ष छात्रों की संख्या 6703 थी। नए शैक्षणिक सत्र में इस संख्या में और इजाफा होना है। छात्रों की बढ़ती संख्या के कारण यहां अतिरिक्त कक्ष की जरूरत है। इसी के चलते ४५ बाय ६५ मीटर क्षेत्र में 6 नए कक्ष बनाने के लिए 3.86 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। निर्माण एजेंसी पीआइयू के टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही 12 जनवरी 22 को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक पारस जैन व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखाडिय़ा की मौजूदगी में भूमिपूजन हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। भूमिपूजन का पत्थर प्राचार्य कक्ष में रखा है, जबकि नए शैक्षणिक सत्र को ध्यान में रखते हुए कक्षों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना चाहिए था। बताया जा रहा है कि पीआइयू द्वारा निर्माण कार्य में गंभीरता नहीं बरते जाने से और ठेकेदार की लेटलतीफी से यह नौबत बनी है। ऐसे में अब तक कक्ष नहीं बनने से इस वर्ष विद्यार्थियों को पढऩे के लिए परेशानी आ सकती है।
देरी से बढ़ सकती है लागत
निर्माण में देरी से बढ़ती महंगाई के चलते निर्माण लागत बढऩे की संभावना बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक निर्माण कंपनी अमन कंस्ट्रक्शन ने काम शुरू करने से पहले ही महंगाई के हवाले से काम में देरी की, जिस पर काम शुरू करने के लिए निर्माण एजेंसी ने दबाव बनाया। बावजूद इसके अब तक काम शुरू नहीं हो सका है, जिसमें महंगाई से लागत बढऩे का पचड़ा सामने आ रहा है। बता दें कि ६ नए कमरों के लिए 3 करोड़ 86 लाख 87 (386.87 लाख) हजार रुपए की शासकीय स्वीकृति पर निर्माण कंपनी ने 18 प्रतिशत कम मतलब 3 करोड़ 17 लाख 23 हजार 340 रुपए में ठेका लिया था।
निर्माण में देरी से बढ़ती महंगाई के चलते निर्माण लागत बढऩे की संभावना बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक निर्माण कंपनी अमन कंस्ट्रक्शन ने काम शुरू करने से पहले ही महंगाई के हवाले से काम में देरी की, जिस पर काम शुरू करने के लिए निर्माण एजेंसी ने दबाव बनाया। बावजूद इसके अब तक काम शुरू नहीं हो सका है, जिसमें महंगाई से लागत बढऩे का पचड़ा सामने आ रहा है। बता दें कि ६ नए कमरों के लिए 3 करोड़ 86 लाख 87 (386.87 लाख) हजार रुपए की शासकीय स्वीकृति पर निर्माण कंपनी ने 18 प्रतिशत कम मतलब 3 करोड़ 17 लाख 23 हजार 340 रुपए में ठेका लिया था।
यह कहते हैं प्राचार्य
हमने कई बार पीआईयू को पत्र लिखकर काम शुरू करने के लिए कहा, लेकिन ना तो पत्र का जवाब आया और ना ही काम शुरू हो पाया है। छात्रों की संख्या बढऩे से वर्तमान भवन के क्लास रूम कम पडऩे लगे हैं। निर्माण एजेंसी को काम शुरू करने के लिए फिर एक बार पत्र लिख रहे हैं।
– जेएल बरमैया, प्राचार्य माधव कॉलेज
हमने कई बार पीआईयू को पत्र लिखकर काम शुरू करने के लिए कहा, लेकिन ना तो पत्र का जवाब आया और ना ही काम शुरू हो पाया है। छात्रों की संख्या बढऩे से वर्तमान भवन के क्लास रूम कम पडऩे लगे हैं। निर्माण एजेंसी को काम शुरू करने के लिए फिर एक बार पत्र लिख रहे हैं।
– जेएल बरमैया, प्राचार्य माधव कॉलेज
ठेकेदार कंपनी के कारण देरी हो गई। दरअसल कांट्रेक्टर कंपनी ने महंगाई के चलते लागत बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन टेंडर में उसी के कोटेशन पर हमने दबाव बनाया। बीच में आचार संहिता से भी देरी हो गई, लेकिन अब जल्दी काम शुरू हो जाएगा।
– जतीन चुंडावत, कार्यपालन यंत्री, पीआईयू
– जतीन चुंडावत, कार्यपालन यंत्री, पीआईयू