पुलवामा में विस्फोटक के बाद यहां पकडे गए OGW, सुरक्षाबल तोड़ रहे आतंक की कमर
मुठभेड़ में चली गोलियां…
चाईबासा में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने उस नक्सली की जान बचाई जो मुठभेड़ के दौरान उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा था। दरअसल प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सदस्यों की छिपे होने की सूचना मिलने पर चाईबासा पुलिस और सीआरपीएफ 60 बटालियन की संयुक्त टीम ने टेबो थाना क्षेत्र के जंगली और पहाड़ी इलाके में तलाशी अभियान चलाया था। दस दौरान जब जवानों का नक्सलियों से सामना हुआ तो नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में एक नक्सली की मौत हो गई थी जबकि मनोज हेस्सा नामक उग्रवादी घायल हो गया। इनके अन्य साथी जंगल का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए।
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दिखाई इंसानियत,निभाया मानवियता का धर्म…
यहां से जवानों ने मानवियता का धर्म निभाना शुरू किया। पुलिस के जवानों ने तड़प रहे घायल का प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद उसे जमशेदपुर स्थित अस्पताल पहुंचाया गया। यहां चिकित्सकों ने घायल को रक्त की आवश्यकता बताई। सीआरपीएफ की 60 बटालियन के कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश यादव और कॉन्स्टेबल संदीप कुमार का ब्लड ग्रुप उग्रवादी से मिल गया था। उन्होंने इस दौरान केवल इंसानियत को ध्यान में रखा और बिना देरी किए रक्त दान करने के लिए आगे आए। दोनों ने खून दान किया जिसे घायल मनोज को चढाया गया।
हो रही सराहना
दोनों जवानों के इस कदम को काफी सराहा जा रहा है। मनोज ने भी दोनों का आभार व्यक्त किया। इन्होंने यह साबित कर दिया कि देश का प्रत्येक नागरिक एक बराबर है, भले ही दुश्मन ही क्यों ना हो इंसान वही है जो उसकी भी मदद करने में संकोच ना करें।
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पश्चिमी सिंहभूम में ढेर किए नक्सली…
इधर इससे पहले पश्चिमी सिंहभूम जिले के पोड़ाहाट जंगल में गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों और पीएलएफआई उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने तीन उग्रवादी को मार गिराया है। वहीं एक उग्रवादी को गोली लगी है, जो गंभीर रूप से घायल है। मुठभेड़ स्थल से काफी प्रतिबंधित सामान और हथियार बरामद किए गए।