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खूंटी:अवैध अफीम की जगह अब गेंदे के फूल की खुशबू से महक रही वादियां

locationचाईबासाPublished: Oct 22, 2018 03:15:33 pm

नक्सल प्रभावित इलाके की महिलाएं अब खूंटी में गेंदे के फूल से खुद की जिंदगी बदलने की कोशिशों में जुट गई है…

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(खूंटी,चाईबासा): झारखण्ड का खूंटी कल तक अवैध अफीम के लिए बदनाम था, लेकिन आज जिले के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अवैध अफीम की जगह गेंदे के फूल की खुशबू से जंगलों से लेकर पूरे शहर को महकाने का काम कर रही है। दीपावली और छठ पूजा में अब कोलकाता के गेंदे की जगह खूंटी के जंगल के गेंदे के फूल ने ले ली है। झारखण्ड सहित अन्य राज्यों से भी व्यवसायी गेंदा फूल खरीदने खूंटी पहुंच रहे है।


नक्सल प्रभावित इलाके की महिलाएं अब खूंटी में गेंदे के फूल से खुद की जिंदगी बदलने की कोशिशों में जुट गई है। झारखंड राज्य आजीविका प्रोत्साहन सोसायटी ( जेएसएलपीएस) के सहयोग से 40 एकड़ में चार लाख गेंदा फूल लगाया गया है जिसे मुरहु प्रखंड के 300 दीदियों ने लगाया है और इससे 40 हजार से लेकर लाखों रुपए तक आमदनी करेंगे।


खूंटी के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों गेंदा फूल की रौनक देखते बन रही है,कल तक जहां अवैध अफीम की खेती से पुलिस प्रशासन परेशान था। ग्रामीण चोरी छिपे अफीम की खेती को सींचते थे लेकिन अब गेंदा फूल की खेती ग्रामीणों की सकारात्मक सोच से बंजर जमीन पर लहलहा रही है। मात्र दो महीने में पांच से छह हजार की पूंजी से 50-60 हजार की आमदनी कर रहे है। जिले में जेएसएलपीएस की भूमिका से महिला मंडल आर्थिक विकास की नई इबारत लिख रही है। दीपावली और छठ पूजा में अब कोलकाता के गेंदा की जगह खूंटी के जंगल के गेंद फूल ने ले लिया है।

 

झारखण्ड के चतरा जिले के बाद खूंटी में पिछले चार पांच वर्षों से लगातार अवैध अफीम की खेती की जा रही है जिससे जिला प्रशासन से लेकर खूंटीवासी परेशान है लेकिन जिस तरीके से जंगलों में गेंदे ने जगह ली है इससे खूंटी प्रशासन गदगद है। महिलाएं समूह बनाकर गेंदे के फुल से अपनी जिंदगी में खुशबु की बहार ला रहे है उम्मीद है आमदनी बेहतर होने से लोग नशे की खेती से दूर होंगे और खूंटी का नया इतिहास गढ़ा जाएगा।


बताया गया है कि खूंटी जिले में हर साल लगभग 100 करोड़ से ज्यादा अफीम की खेती की जाती है जिसमें अधिकांश फसलों को पुलिस के द्वारा नष्ट कर दिया जाता है वावजूद इसके लगभग 50 करोड़ की अफीम और अफीम के डोडे की कालाबाजारी की जाती रही है। इस कालाबाजारी के बीच जिले में महिलाओं का समूह गेंदे के फूल लगाकर खेतों को लहलहाने का काम कर रही है वाकई यह एक मिसाल है खूंटी जिले के लिए। उम्मीद है गेंदे के फूल की महक अफीम की खुशबू को मात देने का कम करेगी।

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