सीबीआई की विशेष अदालत ने अभियुक्तों के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए पांच अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा जबकि अन्य 11 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इस पूरक मामले में 15 मई को सुनवाई पूरी हो गई थी। फैसला सुनाने के लिए स्पेशल जज एसएन मिश्रा की अदालत ने 29 मई की तिथि निर्धारित की थी। अदालत ने जिन अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा सुनाई, उनमें राम अवतार शर्मा, किशोर झा, बसंत सिन्हा,महेंद्र कुंदन, उमेश दुबे शामिल हैं, जबकि जिन्हें तीन-तीन साल की सजा मिली है, उनमें अदिति जोदार, विमल कुमार अग्रवाल, ब्रजकिशोर अग्रवाल, राजेंद्र कुमार हरित, संजीव कुमार बासुदेव, शाहदेव प्रसाद, लाल मोहन गोप, अपर्णिता कुंडू, भारतेश्वर नारायण, अनिल कुमार और मधु शामिल हैं।
गौरतलब है कि चाईबासा कोषागार से जुड़े 37 करोड़ की अवैध निकासी के मूल अभिलेख में लालू प्रसाद और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 46 आरोपियों को वर्ष 2013 में सीबीआई के स्पेशल जज सजा सुना चुकी है। इस मामले से जुड़े 18 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में बाद में चार्जशीट दाखिल की थी, इसलिए इन आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई अन्य आरोपियों से अलग बाद में शुरू हुई थी। मामले के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने 18 आरोपियों के खिलाफ लगे आरोप को साबित करने के लिए कोर्ट में 79 गवाहों का बयान दर्ज कराए गए जबकि 18 आरोपियों की ओर से बचाव में 5 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। 18 आरोपियों में 15 आपूर्तिकर्ता आरोपी हैं, जबकि दो कोषागार कर्मी हैं और एक चाईवासा पशुपालन कार्यालय का संदेशवाहक है।