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दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए एक अपील जारी की थी। ” हमने अपने प्रवासी कामगारों को लद्दाख और अंडमान जैसे दुर्गम दुर्गम स्थानों से वापस लाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं। अभी भी ऐसे दुर्गम स्थानों पर हमारे सैकड़ों श्रमिक फंसे हैं। सभी उद्योगों/ कॉरपोरेट घरानों से मेरी विनम्र अपील है कि वे अपने श्रमिकों को निकालने में हमारा समर्थन करें।”
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इस अपील पर गौर करते हुए दिल्ली इन्टरलिंक फूड प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ने मदद के लिए हाथ आगे बढाया है। कंपनी की ओर से अंडमान निकोबार द्वीप समूह में फंसे 180 श्रमिकों को हवाई रास्ते से वापस लाने की पेशकश की गई है। अब कंपनी के सहयोग से 4 जून को चार्टर फ्लाइट द्वारा श्रमिकों को पोर्टब्लेयर से रांची लाया जाएगा।
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गौरतलब है कि प्रवासी श्रमिकों को हवाई जहाज से वापस लाने वाला झारखंड भारत में पहला राज्य है। इससे पहले लद्दाख, अंडमान निकोबार, मुंबई से भी फ्लाइट के जरिए मजदूरों को वापस लाया गया है। जब मजदूर घर लौटे तो उनके चेहरे पर अपार खुशी थी, उन्होंने सीएम का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा जहां ट्रेन व बस के जरिए मजदूरों का आना संभव है, लोग घर आ रहे हैं।