स्टेशन पर एक घंटे तक हंगामा चलता रहा। गुस्साए यात्रियों ने रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। बावजूद इसके न तो कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा और न ही बिना एसी यात्रा के चलते उल्टी-दस्त व घबराहट से परेशान बच्चों के इलाज के लिये मेडिकल टीम ही पहुंची। हां आरपीएफ जरूर पहुंच गई और उन लोगों को मनाने की कोशिश करने लगी। काफी हंगामे के बाद जब यात्रियों ने देखा कि उन्हें कोई मदद नहीं मिलने वाली तो वह खुद ही ट्रेन में सवार हो गए और गाड़ी हावड़ा के लिये रवाना हो गई।
यात्रियों ने इसके लिये रेलवे को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्रेनों में सुविधाएं और सहूलियतों के दावे को फेल बताया। यात्रियों कहना था कि लखनऊ से ही उनके कोच का एसी खराब था। शिकायत करने पर भी केाई सुनवाई नहीं हुई। रेल मंत्री को टि्वट करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। उनका सवाल था कि क्या हम पैसे देकर यात्रा कर रहे हैं तो हमें सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिये।
By Santosh Jaiswal