चंदौली जिले के नौगढ़ प्रमुख पद पर बीजेपी सांसद छोटेलाल खरवार के भाई जवाहर का कब्जा था। जवाहर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और न्यायालय के आदेश पर कलेक्ट्रेट सभागार में वोटों की गिनती की गयी। जवाहर के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल २७ मत पड़े थे जबकि जवाहर के समर्थन में एक भी मत नहीं पड़े। इसके चलते बीजेपी को सबसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और हाथ से नौगढ़ प्रमुख की कुर्सी निकल गयी है। नियमानुसार अब यहां पर नया निर्वाचन कराया जायेगा। निर्वाचन होने तक इस कुर्सी का कार्यभार जिलाधिकारी द्वारा नामित कोई अधिकारी देखेगा। अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद नौगढ़ प्रमुख पद को काम अब जवाहर खरवार नहीं देखेंगे। यह नोटिस भी चस्पा करायी गयी है। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार होने के बाद भी बीजेपी के हाथ से नौगढ़ प्रमुख की कुर्सी निकल जाना बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पांडेय चंदौली जिले के ही संासद है ऐसे में उनके संसदीय क्षेत्र में ही बीजेपी को मिली शिकस्त की सभी तरफ चर्चा हो रही है।
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सरकार के पक्ष में आता है निर्णय
यूपी में जिसकी सरकार होती है ऐसे चुनाव का निर्णय आमतौर पर सत्ताधारी दल के पक्ष में आता है इसकी मुख्य वजह प्रशासनिक सहयोग होता है, लेकिन बीजेपी को साथ ऐसा नहीं हुआ है। यूपी में अपनी सरकार होने के बाद भी जीत हुई सीट पर हार मिली है। पूर्व वर्षों की बात की जाये तो जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख आदि पदों पर सपा व बसपा की सरकार में उसी दल के अधिक प्रत्याशी विजयी होते थे।
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