ग्रामीणों ने किया था विरोध चंदौली की घटना का ग्रामीणों ने हिंसक विरोध किया था। उन्होंने ईंट-पत्थरबाजी की और यहां तक कि एक एम्बुलेंस को क्षतिग्रस्त करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग -2 को अवरुद्ध करने का प्रयास किया था। गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि मामला सीएम के संज्ञान में आने के बाद इस पूरे प्रकरण की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी जा रही है। इस संबंध में बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिए गए।
मृतका के परिजनों ने की थी मांग डीजीपी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवार की मांग पर सीबी-सीआईडी को जांच सौंपी गई है। मृतक लड़की के बड़े भाई विजय यादव ने आरोप लगाया था कि सैय्यदराजा एसओ उदय प्रताप के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने कन्हैया यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद उनके घर पर छापा मारा था। उन्होंने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि हालांकि, पुलिस कन्हैया को नहीं पकड़ पाई और मुझे अपने साथ ले जाने की कोशिश की। जब निशा ने इसका विरोध किया, तो उसे उदय ने कथित तौर पर पीटा जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बाद में, एसओ को, पांच अन्य पुलिस के साथ, निलंबित कर दिया गया और गैर इरादतन हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर सरकार की निंदा की थी और मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी।
दुष्कर्म पीडि़ता के घर जाकर होगी जांच उधर ललितपुर के पाली थाने में किशोरी से दुष्कर्म मामले में शासन के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। टीम ने जांच शुरू कर दी है। अब एसआईटी जल्द ही पाली थाना और दुष्कर्म पीडि़ता के घर पहुंचकर हर पहलू की जांच करेगी। टीम में एसपी सिटी झांसी विवेक त्रिपाठी के अलावा झांसी व ललितपुर के एक-एक सीओ को भी शामिल किया गया है। टीम जल्द ही ललितपुर के थाना पाली एवं पीडि़ता के घर के अलावा भोपाल एवं अन्य स्थलों पर जाकर जांच शुरू करेगी।
यह था मामला थाना पाली अंतर्गत एक मोहल्ला निवासी 13 वर्षीय किशोरी के साथ पाली के चार युवकों ने भोपाल ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। तीन दिन तक भोपाल में ही रखा। इसके बाद उसे ललितपुर के थाना पाली ले जाकर थाने छोड़कर चले गए थे, जहां तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा उसे उसकी मौसी को सौंप दिया गया था। आरोप है कि अगले दिन बयान दिलाने के बहाने थाने बुलाया गया और उसी दिन शाम को थानाध्यक्ष ने थाना परिसर स्थित अपने कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थानाध्यक्ष, एक महिला एवं चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। थानाध्यक्ष को निलंबित कर दो दिन बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं घटना के चलते उस समय थाना में तैनात 29 पुलिसकर्मियों को एडीजी कानपुर जोन से लाइन हाजिर कर दिया था। थाने में पूरा नया स्टाफ तैनात किया गया। यह मामला मुख्यमंत्री योगी तक भी पहुंचा था। झांसी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ी नाराजगी भी जताई थी।