बताया जाता है कि क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी चंद्रभूषण त्रिपाठी का पुत्र शुभ त्रिपाठी घर के बाहर प्लास्टिक जलाकर खेल रहा था। इसी दौरान वह आग की चपेट में आ गया। प्लास्टिक जलाते समय आग ने अचानक उसके लोवर को लपेटे में ले लिया। आग लगते ही शुभ जोर जोर से चिल्लाने लगा। जब तक परिजन मौके पर पहुंचते जब तक शुभ गंभीर रूप से झुलस गया था। परिजनों ने किसी तरह आग बुझाई और शुभ को लेकर वाराणसी के कबीरचौरा मंडलीय चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई। परिवार के शव लेकर लौटने के बाद पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को अंत्येष्टि के लिए सौंप दिया गया। शुभ की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
घर का एकलौता बेटा था शुभ चंद्रभूषण को एक पुत्र शुभ व एक बेटी शगुन पांच वर्ष है। शुभ घर का इकलौता चिराग था, उसकी मौत से परिजन पूरी तरह से टूट गए। शुभ की माता दीपिका तो बेटे की मौत के सदमे से बर्दाश्त ही नहीं कर पा रही थीं। दहाड़े मारकर रोती मां रह-रहकर अचेत हो जा रही थी। परिजनों को रोते बिलखते देख आसपास के लोगों की आंखें भी नम हो गई थीं।
संवेदना व्यक्त करने वालों का लगा तांता चंद्रभूषण त्रिपाठी के इकलौते पुत्र के निधन की खबर सुनकर हर कोई उनके घर की तरफ चल पड़ा। पड़ोसियों एवं ग्रामीणों के साथ ही नाते-रिश्तेदार एवं शुभचिंतक त्रिपाठी के घर पहुंचने लगे। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का उनके घर देर शाम तक तांता लगा रहा।
By: Santosh Kumar