यह भी पढ़े- डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज इसलिये मर गया हमारा मरीज, कहकर परिजनों ने किया ऐसा हंगामा, देखें VIDEO यूरिया के अभाव में चौपट हो रही गेहूं की फसल का जिक्र करते हुए धानापुर ब्लाक निवासी रामसूरत कहते है कि वह बीते 10 दिनों से यूरिया के लिए सरकारी बीज भंडारो की दुकानों के चक्कर लगा रहे है। लेकिन अब तक यूरिया नहीं मिली। उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनीयों की यूरिया का प्रयोग करेंगे तो बचेगा क्या। वह करते है कि सिंचाई होने के तीन से चार दिनों के बाद फसल को नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। नहीं तो फसल पीली होने लगती है। फसलों को पीला होने से बचाने के लिेए यूरिया का छिड़काव किया जाता है। वहीं दूसरी और किसानों की समस्या के संबंध में जब पत्रिका संवाददाता ने विभागीय अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि जल्द ही यूरीया की खेप जिले को मिलने वाली है। सारनाथ में 18 मीट्रीक टन यूरिया पहुंचते ही जिले की सभी सरकारी दुकानों पर यूरिया उपलब्ध होगी।