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यूरिया के आभाव में बर्रबाद हो रही फसल

locationचंदौलीPublished: Jan 14, 2018 09:37:51 am

Submitted by:

Sunil Yadav

जल्द ही मिलने वाली है 18 मीट्रिक टन यूरिया

यूरिया के आभाव में बर्रबाद हो रही फसल

यूरिया के आभाव में बर्रबाद हो रही फसल

चंदौली. किसानों के अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आई प्रदेश सरकार के शासन काल में किसान खाद के लिए परेशान है। हालत यह है कि किसान जिले की सरकारी समितियों के चक्कर पर चक्कर काटने के बाद भी उसे यूरिया नहीं मिल रही। जबकि गेहूं की बुआई के बाद जिले के किसानों को लगभग 25 मिट्रिक टन यूरिया की जरूरत है। लेकिन विभाग के पास एक टन यूरिया भी उपलब्ध नहीं है। वहीं किसानों का कहना है कि गेंहू की बुआई के बाद पहली सिंचाई करते ही तीन से चार दिन में यूरिया का छिड़काव करना जरूरी होता है। ताकी फसल पीली न पड़े। लेकिन अब समय पर यूरिया न मिलने से किसान फसल को लेकर चिंतित है।
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यूरिया के अभाव में चौपट हो रही गेहूं की फसल का जिक्र करते हुए धानापुर ब्लाक निवासी रामसूरत कहते है कि वह बीते 10 दिनों से यूरिया के लिए सरकारी बीज भंडारो की दुकानों के चक्कर लगा रहे है। लेकिन अब तक यूरिया नहीं मिली। उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनीयों की यूरिया का प्रयोग करेंगे तो बचेगा क्या। वह करते है कि सिंचाई होने के तीन से चार दिनों के बाद फसल को नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। नहीं तो फसल पीली होने लगती है। फसलों को पीला होने से बचाने के लिेए यूरिया का छिड़काव किया जाता है। वहीं दूसरी और किसानों की समस्या के संबंध में जब पत्रिका संवाददाता ने विभागीय अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि जल्द ही यूरीया की खेप जिले को मिलने वाली है। सारनाथ में 18 मीट्रीक टन यूरिया पहुंचते ही जिले की सभी सरकारी दुकानों पर यूरिया उपलब्ध होगी।
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