मिली जानकारी के अनुसार शिलांग के रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग जगदीश प्रसाद अग्निहोत्री अपने परिजनों के साथ 14 दिसम्बर को डिब्रूगढ़ राजधानी से कानपुर जा रहे थे। जब देर रात ट्रेन पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर रूकी थी। तब बुजुर्ग गलतफहमी में स्टेशन पर उतर गए। जब तक बुजुर्ग कुछ समझ पाते तब तक ट्रेन चल दी। उधर बाकी परिजनों की जब नींद खुली तो उन्होंने देखा कि जगदीश अग्निहोत्री अपनी सीट पर नहीं थे। पहले तो परिजनों ने उन्हें ट्रेन पर खोजा। लेकिन जब बुजुर्ग उनकों नहीं मिले तो उन्होंने इस बात की सूचना ट्रेन में स्कॉर्ट कर रही पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की जीआरपी के जवान हरकत में आ गए। GRP जवानों ने दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद वाराणसी से इस बुजुर्ग को खोज निकाला। परिजन अपने बुजुर्ग को पाकर बहुत खुश हुए। परिजनों ने पूरी जीआरपी टीम को माला पहनाकर सम्मानित किया और कहा कि हर लोग अपने मन में पुलिस की गलत छवि बना कर रखे हैं, लेकिन जीआरपी टीम ने जो हमारे लिए किया है उससे उन्होंने पुलिस के प्रति हमारा सोच भी बदल दिया है।
BY- SANTOSH JAISWAL