क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बताया कि लकड़बग्घा के गर्दन व मुंह में लोहे का तार लिपटा हुआ था। जिससे प्रतीत हो रहा है कि शिकारियों दा्रा लोहे के तार का फांसी का फंदा लगाकर उसे पकड़ने का प्रयास किया गया रहा होगा। जो कि अपने बल का प्रयोग करके भागकर बसौली गांव में पहुंच गया। ईलाज के दौरान गर्दन व मुंह में फंसे तार को पशु चिकित्सक ने निकालकर समुचित उपचार कर दिया है। जिसे स्वतंत्रत विचरण के लिए चन्द्प्रभा वन्य जीव बिहार क्षेत्र में छोड़ दिया गया। इस घटना से प्रतीत हो रहा है कि नक्सल क्षेत्र में लगातार शिकारी सक्रिय है। और वन विभाग कही न कही लापरवाह बना हुआ है ।
By- संतोष जायसवाल