ग्रामीणों का कहना है कि घुरगढ्ढ़े के जमीन पर अवैध रूप से मकान बनाकर जलनिकासी हेतु पी0डब्ल्यू0डी0 द्वारा बनाई गई पुलिया को मिट्टी से ढ़क दिया गया है। जिससे बिगत पांच वर्षों से ग्रामीण बारिश के महीनें में सड़े पानी में रहने को विवश रहते है। गंदगी के कारण हर वर्ष बीमारी फैल जाती है। पानी लगने से लगभग 50 बीघा धान की खेती प्रभावित हो जाती है । इस रास्ते से दर्जनों गांवों के लोगों का आना जाना है । गांव के नवनिहाल बच्चों का महीनों से स्कूल का आना जाना बाधित है । ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों से मिल चुके है। लेकिन अब तक कार्रावई नहीं हुई।
वहीं इस मामले में रमेश चंद्र पांडेय का कहना है इस पूरे प्रकरण को कई बार तहसील दिवस के मौके पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी उचित कार्यवाही नहीं होने के कारण 18 सितम्बर 2017 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गयी थी। जिसका संज्ञान लेते हुये सक्षम अधिकारियों को आदेशित हुआ। अधिकारियों ने लेखपाल व कानूनगो संग 26 सितम्बर 17 को स्थलीय निरीक्षण करके अतिचारी चंदन पांडेय के खिलाफ धारा 67(1)के तहत मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया ।
तदोपरांत तहसीलदार सकलडीहा ने 26 जुलाई 2018 को न्यायालय में सुनवाई के दौरान अतिचारी के खिलाफ अर्थ दंड व बाउंड्रीवाल गिरवाने का आदेश पारित हुआ । बावजूद अभी तक बाउंड्रीवाल नहीं गिरायी गयी। ग्रामीणों का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर घूर गढ्ढ़े पर बना अतिक्रमण नहीं हटा तो वह तहसील गेट पर धरना देने को बाध्य होंगे ।
इस दौरान संतोष पांडेय, दयासागर विश्वकर्मा, रमेश पांडेय, बबलू पांडेय, राजनाथ शर्मा, शम्भू यादव, नागे यादव, पुनवासी राम,राजनाथ राम,कुबेर राम ,मनीष पांडेय,रामकेवल राम,खरपत्तू विश्वकर्मा, सत्यदेव विश्वकर्मा,गोलू पांडेय,मृत्युंजय विश्वकर्मा,सुभम पांडेय समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।
By- संतोष जायसवाल