अलीनगर थाना क्षेत्र के सिरसी गांव निवासी मोनई बिंद का पुत्र अमित बिंद 18 वर्ष गांव के ही अपने मित्र बादल बिंद के ससुराल सकलडीहा जा रहा था। कुछमन रेलवे फाटक के पास जब वह पहुंचा तो फाटक का गेट बंद मिला जिस कारण स्टेशन के समीप से रेलवे लाइन मोटरसाइकिल सहित पार करने लगा। इस दौरान वह मुगलसराय से पटना की तरफ जा रही विभूति एक्सप्रेस की चपेट में आ गया।जिससे घटनास्थल पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। वही मोटरसाइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि मित्र बादल बाल बाल बच गया।
दो भाई व एक बहन में सबसे बड़ा अमीत पिता मोनई बिंद राजगीर मिस्त्री का काम कर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था ।की अचानक मौत के गाल में समा गया। जबकि मित्र बादल मना कर रहा था। लेकिन मौत उसे ट्रैक पर खींच कर ले गई।
अभी 20 अगस्त को वाराणसी के ही मिर्जामुराद थाना अंतर्गत खदरामपुर निवासी राजन चौहान 26 वर्ष की भी रेलवे फाटक बंद होने के कारण स्टेशन के समीप से ही मोटरसाइकिल सवार ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से उसकी भी दर्दनाक मौत हो गई थी। बावजूद इसके ट्रैक पार करना मौत को गले लगाना लोगों के समझ से परे है।