प्लास्टिक के डब्बो में जो नोट रखे है जरा उस पर गौर करिये, इसकी सच्चाई जानकर आप भी चौक जाएंगे। ये नोट असली नही है बल्कि नकली है। वो भी आम प्रिंटर से छापा गया है। ये करामात करने वाले ये वो तीन लोग है जो पुलिस की गिरफ्त में है। दरसल बिहार के रोहतास जिले के बघौला थाना निवासी सगे भाई गोपाल और गोकुल पांडेय व कैमूर जिले के दुर्गावती थाना क्षेत्र निवासी सोनू यादव ने जल्द अमीर बनने के लिए शॉर्ट कट अपनाया। इसके लिए बाकायदा बिहार के पटना से अच्छी क्वालिटी का पेपर लाकर प्रिंटर से डाई की मदद से नोट की छपाई करते थे और यूपी बिहार सीमा पर स्थित चंदौली जनपद सहित आसपास के जनपदों में चलाते थे। हालांकि नकली नोट चलाने की सूचना मुखबिर से बलुआ पुलिस को मिली। जिस पर मामले में कार्यवाही के लिए एसओजी टीम,सर्विलांस टीम और बलुआ पुलिस गिरोह के धर पकड़ में लग गई। इस दौरान बलुआ पुलिस ने मुखबिरों का जाल बिछाया और सफलता भी मिली और बलुआ थाना क्षेत्र के चहनियां-माधोपुर मार्ग से पुलिस टीम ने तीनो आरोपियों को धर दबोचा। तीनो के पास से 11 लाख 82 हजार 630 रुपये के नकली नोट बरामद हुए । जिसमे 10,20,50,100,200 और 2हजार के नोट शामिल है।
अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी मुखर्जी ने बताया कि ये तीनो आरोपी बिहार के पटना से अच्छी क़्वालिटी के पेपर ले आते थे और डाई की मदद से प्रिंटर के माध्यम से नोट की छपाई करते थे। ये नकली नोट आरोपी ग्रामीण इलाके में शाम कैबखपाते थे ताकि आराम से ये नकली नोट खप जाए। आरोपियों के पास से 6 डाई, एक बढ़िया क़्वालिटी का प्रिंटर, 2 बाइक और एटीएम कार्ड सहित नोट बनाने में इस्तेमाल करने वाले सारे सामान बरामद हुआ है।
बिहार, छत्तीसगढ़ में फैला था गैंग आरोपियों से पूछताछ में कई लोगो के नाम सामने आया है । जिसमे चंदौली का एक व्यक्ति शामिल है जिसकी तस्दीक पुलिस कर रही है। मुख्य आरोपी गोपाल पांडेय 2014 में सैयदराजा कोतवाली से धारा 307 के मामले में जेल जा चुका है और बिहार में ही इसका संचालन होता था। ये पोर्टेबल व्यवस्था थी जहाँ जरूरत होती वही नोट छपाई का करते थी। आरोपियों को मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।