बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे के गृह जनपद चंदौली के नक्सल प्रभावित नौगढ़ तहसील की लालतापुर प्राथमिक विद्यालय से एक मामला सामने आया है। जिसमें प्रधानाध्यापक ने दबंगई दिखाते हुए पहली कक्षा के 17 बच्चों का नाम इसलिए काट दिया है, क्योंकि उनका आधार कार्ड नहीं मिल पाया था।
लालतापुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश सिंह दबंग किस्म के शिक्षक है और विद्यालय से लगातार गायब रहते हैं। इसकी कई बार शिकायत ग्रामीण व ग्राम प्रधान आलाधिकारियों से कर चुके हैं। यदा-कदा विद्यालय में आने वाले राजेश सिंह से पहली कक्षा के बच्चों ने भी पूछ लिया कि, आप विद्यालय नहीं आते हैं। बस बच्चों का ये सवाल पूछना प्रधानाध्यापक को इतना नागवार गुजरा कि, उसने शिक्षा के अधिकार अधिनियम को ताक पर रखते हुए आधार कार्ड न होने को मानक मानते हुए 17 का नाम काट दिया।
आपको बता दें, नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात शिक्षक यदा-कदा ही विद्यालय पर जाते हैं। यही नहीं विद्यालय पर तैनात शिक्षक स्थानीय युवकों को तीन से ₹5000 महीना पर रखकर स्कूल चलाते हैं और स्वयं स्कूल से लापता रहते हैं। ठंड कम हुई है और बच्चों में स्वेटर भी बांटा जा रहा है, इसलिए बच्चे स्कूल में आने भी लगे हैं। अपनी जिम्मेदारी से भागते शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। इसी कारण प्रधानाध्यापक ने दबंगई दिखाते हुए जबरन 17 बच्चों का नाम काट दिया। जब अभिभावकों को को बच्चों द्वारा जानकारी हुई तो उन्होंने शुक्रवार को विद्यालय पर प्रधानाध्यापक राजेश सिंह से मिलकर नाराजगी जताई। लेकिन प्रधानाध्यापक टस से मस नहीं हुआ। इससे नाराज ग्रामीणों ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी द्वारा शुरू की गई आईजीआरएस पोर्टल पर कर दी।
पूरे प्रकरण में बीएसए भोलेन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, आधार ना होने के कारण बच्चों का विद्यालय से नाम नहीं काटा जा सकता। उन्होंने पूरे मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी नौगढ़ को सौंपी है। लालतापुर विद्यालय नौगढ़ ब्लॉक से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां पर लगभग 90 छात्र पंजीकृत है। वहीं विद्यालय पर एक प्रधानाध्यापक और 2 सहायक अध्यापक नियुक्त है। जिले में ऐसा यह पहला मामला सामने आया है. जिसको बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गंभीरता से लिया है।
बड़ी बात यह है कि, प्रधानाध्यापक की यह कार्रवाई कहीं न कहीं यह परिलक्षित करती है कि, शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा स्तर को सुधारने की योगी सरकार के प्रयासों को पलीता लगा रहे हैं। अब देखना होगा कि, जिला प्रशासन इस मामले में आईजीआरस पोर्टल पर क्या जवाब अपडेट करता है और ऐसे लापरवाह प्रधानाध्यापक पर क्या कार्रवाई करता है।
input- संतोष जायसवाल