महमदपुर गांव के रहने वाले प्रधान बलवन्त यादव के बड़े पिता बैजनाथ यादव के पुत्र धर्मेद्र यादव भारतीय सेना में जबलपुर में तैनात थे । वे आर्मी में स्टोर कीपर के पद पर तैनात थे । 31 जनवरी 2020 को सेवानिवृत हुए थे, रिटायर्ड होकर रविवार को ही अपने घर सुबह 7.30 बजे घर पहुचे थे । रविवार को दोपहर धर्मेद्र गांव के लोगो से मिलने के बाद अपनी बाइक सर्विसिंग कराने चहनियां क़स्बा गये थे, जहां से वह देर शाम अपने घर के लिए रवाना हुए। गुरेरा में मुख्य मार्ग चहनियां पर शिलापट्ट के पास कुत्ते व विपरीत दिशा से तेज आ रही वाहन को बचाने के चक्कर में बाइक अनियंत्रित होकर पलट गयी, जिससे इन्हें बुरी तरह से चोट आयी । गुरेरा प्रधान सन्तोष यादव ने प्रधान व ग्रामीणों को तत्काल सूचना देने के बाद इलाज हेतु चहनियां स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजवाया, जहां हालत बेहद नाजुक देख डॉक्टरो ने तत्काल ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया, इलाज के पूर्व ही डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।
धर्मेद्र यादव की मौत के बाद भाई प्रधान बलवन्त यादव का आंसू रुकने नाम भी ले रहा था । पिता बैजनाथ यादव के बुढ़ापे की सहारा ही छीन गया, धर्मेद्र चार भाइयो में सबसे छोटे थे । पत्नी आशा देवी का रो रोकर बुरा हाल था । इनकी दो पुत्रियां रेखा कुमारी ( 21 ) ,नीरज कुमारी ( 18 ) व पुत्र चमन यादव ( 16 ) का भी रोकर बुरा हाल था । आर्मी के जवान धर्मेंद्र यादव रिटायर होने के बाद कई सपने संजोये हुए थे । प्रधान बलवन्त यादव ने बताया कि सबसे पहले अपनी बड़ी पुत्री की शादी के लिए बात किये थे, फिर गांव में कई काम सोचे थे, जो सब अधूरा ही छोड़ गये ।
BY- Santosh Jaiswal