एक के बाद एक सोना तस्करी के मामलों का खुलासा होने के बाद पता चला है कि पश्चिम बंगाल सोना और नशे के कारोबार की तस्करी का हब बनता जा रहा है। जिसकी वजह पश्चिम बंगाल का काफी हिस्सा नेपाल और बांग्लादेश से सटा हुआ बताया जा रहा। इसलिए नशे की खेप और सोने की तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल का मालदा और कालिया चक इलाका तस्करों के लिए मुफीद बनता जा रहा है। और इन सीमावर्ती इलाकों से होते हुए तस्कर नई दिल्ली यूपी और भारत के विभिन्न हिस्सों में आराम से तस्करी कर पा रहा है।
इसकी एक बानगी बुधवार दोपहर को भी देखने को मिली जब मुगलसराय स्टेशन पर जीआरपी ने चेकिंग के दौरान प्लेटफार्म नंबर 6 से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास से तलाशी के दौरान 7 किलो सोने के 7 बिस्किट बरामद हुए। जीआरपी ने जब सोने के संबंध में आरोपी से पूछताछ की उसके पास सोने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले और आरोपी ने बताया की वह सोने की ये खेप पश्चिम बंगाल से जयपुर ले जा रहा था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सोने की तस्करी कपड़े का बेल्ट बनाकर कमर में बांधकर करता है। आरोपी ने बाकायदा तस्करी करने का तरीका भी बताया। जीआरपी की माने तो तस्कर बरामद सोने की बिस्किट पश्चिम बंगाल से जयपुर ले जा रहा था। मामले में डीआरआई को सूचना दे दिया गया है और आवश्यक कार्यवाही कर आरोपी को जेल भेजा जा रहा है।
वही आपको बता दें कि विगत 30 जनवरी को मुगलसराय जीआरपी इंस्पेक्टर आर के सिंह ने स्टेशन पर चेकिंग अभियान के दौरान कानपुर के तस्कर के पास से 13 किलो सोना बरामद किया था। जीआरपी द्वारा स्टेशन परिसर से लगातार सोने के तस्करों को पकड़ने से डीआरआई विभाग के क्रियाकलाप पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस विभाग के निर्माण सोने की तस्करी रोकने के लिए किया गया है।
वही आपको बता दें कि विगत 30 जनवरी को मुगलसराय जीआरपी इंस्पेक्टर आर के सिंह ने स्टेशन पर चेकिंग अभियान के दौरान कानपुर के तस्कर के पास से 13 किलो सोना बरामद किया था। जीआरपी द्वारा स्टेशन परिसर से लगातार सोने के तस्करों को पकड़ने से डीआरआई विभाग के क्रियाकलाप पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस विभाग के निर्माण सोने की तस्करी रोकने के लिए किया गया है।