बताते चलें की वर्ष 2007 में जीवित्पुत्रिका पर्व के अवसर पर गंगा स्नान के लिए गयी महिलाओं की वापसी के समय एकाएक पैसेंजर ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदले जाने पर टीटी,टीसी व आरपीएफ द्वारा वसूली पर हुए भगदड़ के बाद 14 महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गयी थी। उस घटना के बाद अधिकारियों द्वारा सबक लेते हुए प्रत्येक वर्ष सुरक्षा के विशेष की जाती रही है। इसी के तहत मंगलवार को वरीय मंडल परिचालन प्रबंधक ने लेटर जारी करते हुए सुरक्षा व्यवस्था व निगरानी का आदेश दिया था।
सीनियर डीओएम की ओर से जारी पत्र के मुताबिक बुधवार को सुबह 08 बजे तक, 08 से शाम चार बजे और शाम चार बजे से रात 12 बजे तक प्लेटफॉर्म पर विशेष गश्त लगातार गश्त होते रहे। अलग-अलग शिफ्टों में दो-दो अधिकारी प्लेटफॉर्म पर चक्रमण करते रहे। साथ ही किसी विशेष चिकित्सा व्यस्था के लिए मेडिकल टीम को प्लेटफॉर्म संख्या दो पर तैनात किया गया था।
लगातार ट्रेनों के आने जाने की सूचना प्रसारित की जाती रही ताकि किसी को कोई परेशानी न हो और ट्रेन के चक्कर में कोई गलत प्लेटफॉर्म पर न जाए। यह भी आदेश दिया गया था कि किसी भी सूरत में ट्रेनों के प्लेटफॉर्म नहीं बदले जाएंगे, जिसका पालन किया गया। पैसेंजर ट्रेनों के इंजन आदेशानुसार बेस किचेन के पास रहे जिसके चलते यात्रियों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ी।
प्लेटफ़ॉर्म व फुट ओवर ब्रिज पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य व टिकट चेकिंग नहीं किये जाने की सख्त हिदायत दी गयी थी, जिसका असर दिखा। इसके साथ ही टीटी, टीसी व आरपीएफ भी यात्रियों का सहयोग करते दिखे। सभी प्लेटफार्म पर पड़ी निर्माण सामग्रियां हटायी गयीं ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो। इन सब के बावजूद कॉमर्शियल, ऑपरेटिंग व सिक्योरिटी विभाग के वरीय अधिकारी भी समय समय पर इसकी निगरानी करते रहे।