हरियाणा बजट: न किसी को मिली राहत, न किसी को किया आहत
भाजपा सरकार ने पेश किया 10 हजार 693 करोड़ के घाटे का बजट, जूते,खल, बिनौला,बेसन, सूती धागे, सब्जी काटने की मशीन सस्ती
संजीव शर्मा, चंडीगढ़। हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी वाली सरकार ने जहां 10 हजार 693.15 करोड़ रुपए के घाटे वाले वार्षिक बजट को बेहतर भविष्य की मजबूत नींव करार दिया है, वहीं इस बजट के माध्मय 10 हजार 800 करोड़ रुपए की लागत से 44 नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया गया है। सरकार द्वारा बजट में दी गई राहत से सरकारी खजाने पर हर साल मात्र 50 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
भाजपा सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अपने दूसरे बजट में भी चुनावी घोषणा पत्र को छूने से गुरेज किया है। बजट का खास पहलू यही है कि इस बार कोई नया कर प्रदेश की जनता पर नहीं लगाया गया है।
जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए हजारों करोड़ रुपए के नुकसान के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इस बजट के माध्यम से प्रदेश के सभी वर्गों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है, लेकिन बजट में जनता की इस उम्मीद पर पानी फिर गया। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने स्वीकार किया है कि प्रदेश इस समय मुश्किल घड़ी से गुजर रहा है और प्रदेश के समक्ष ढेरों चुनौतियां हैं।
सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बजट में 28.4 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वार्षिक बजट को 88 हजार 781.96 करोड़ रुपए का कर दिया है। इसमें 40 हजार 256.21 करोड़ योजनागत और 48 हजार 525.75 करोड़ रुपए गैर योजनागत मद में रखे गए हैं। बजट में आगामी वर्ष के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 62955.53 करोड़ रुपए होंगी। इस प्रकार 25826.43 घाटे का बजट पेश किया गया।
बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने किसानों को बिजली में 6800 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का प्रावधान रखा है। किसानों के लिए कृषि बजट में 13.71 वृद्धि की गई है, जबकि दुग्ध उत्पादकों को दी जाने वाली सब्सिडी बढ़ाई। अब 4 रुपए के बजाय 5 रुपए प्रति लीटर मिलेगी। वित्तमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग के सिफारिशों के लागू करने हेतु घोषाणा की कि जब भी केंद्र सरकार इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगी तो कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बढ़ौत्तरी की जाएगी। इससे सरकार के खजाने पर करीब 4000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया, बल्कि कुछ करों में छूट दी गई है। जाट आरक्षण आंदोलन से प्रभावित डीलर्स को टैक्स, ब्याज और जुर्माने से राहत दी गई है, जबकि हरियाणा में पर्यावरण सुधार के लिए इलैक्ट्रिक वाहनों पर वैट 12.5 से घटा कर 5 प्रतिशत की गई है। इसी प्रकार जूता उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 500 रुपए और इससे अधिक के एमआरपी वाले जूतों पर कर की दर को 12.5 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत करने और जूतों के ऊपर के हिस्से को वैट से छूट देने का प्रस्ताव किया है।
इसी प्रकार निर्मित खल, बिनौला, बेसन तथा सूती धागे को कर से छूट देने का प्रस्ताव, जबकि सेवियां पर कर की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव, इलैक्ट्रिकल वाहनों की बिक्री पर कर की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने, सोई में पत्तेदार सब्जियों को काटने के काम लाए जाने वाले (छोटा टोका) पर कर की अदायगी से छूट देने का, डीलर्स, जिनका फरवरी 2016 के आरक्षण आंदोलन के दौरान माल चोरी या नष्ट हो गया था, को कर, ब्याज, जुर्माना तथा अन्य अदायगियों के संबंध में राहत प्रदान करने के लिए एक माफी योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया है।