scriptलौहगढ़ को विकसित करने के लिए बनेगी सड़क: सीएम खट्टर | Road will form to develop Lohgarh: CM Khattar | Patrika News

लौहगढ़ को विकसित करने के लिए बनेगी सड़क: सीएम खट्टर

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Apr 21, 2016 12:59:00 pm

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला यमुनानगर को पर्यटन के क्षेत्र में उभारने के लिए सरस्वती नदी के उदगम

road to devlop lohgarh

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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला यमुनानगर को पर्यटन के क्षेत्र में उभारने के लिए सरस्वती नदी के उदगम स्थल आदिबद्री और बाबा बन्दा सिंह बहादुर के साम्राज्य की राजधानी रही लौहगढ़ को विकसित करने के लिए दोनो ऐतिहासिक स्थलों को जोडऩे के लिए लगभग तीन किलोमीटर लम्बी सडक़ बनाने, गांव भगवानपुर से लौहगढ़ तक दो किलोमीटर लंबी पक्की सडक़ व सोमनदी पर पुल बनाने, पर्यटन की दृष्टि से लौहगढ़ में सारा साल पानी उपलब्ध रहे इसके लिए डैम बनाये जाने की घोषणाएं की। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि लौहगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक विकसित करने के लिए आवश्यक कार्य किए जाएंगे। मुख्यमन्त्री पर्यटन की दृष्टि से लौहगढ़ तहसील बिलासपुर जिला यमुनानगर को विकसित करने के लिए बाबा बंदा सिंह बहादुर की समृति में बने गुरूद्वारा लौहगढ़ साहब पधारे।

उन्होंने इस अवसर पर गुरूद्वारा में माथा टेका व बाबा बंदा सिंह बहादुर की मूर्ति पर पुष्प चढ़ाकर श्रृद्धाजंलि अर्पित की। इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष तौर पर तैयार किया गया मैप (नक्शा) का बारीकी से अध्ययन किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमन्त्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर विशेष तौर से उपस्थित थे।

विकास कार्यों का अवलोकन करने के पश्चात उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमन्त्री ने कहा कि यह स्थल पहाड़ों से घिरा हुआ बाबा बन्दा सिंह बहादुर के साथ जुड़ा हुआ एक सुन्दर स्थल है। पंजाब में बन्दा सिंह बहादुर की समृति में बने चप्पड़-चिड़ी की तर्ज पर यहां पर भी वह यादगार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा बन्दा सिंह बहादुर जहां एक वीर योद्धा थे, वहीं उन्होंने गुरू गोबिन्द सिंह की विचारधारा को आगे चलाया। बन्दा सिंह बहादुर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बन्दा सिंह बहादुर जो जम्मू के राजौरी जिले का रहने वाला था और जिसका नाम पहले लक्षमण दास व माधो दास था। एक भेंट में नादेड़ महाराष्ट्र में गुरू गोबिन्द सिंह ने उन्हें पंजाब में हो रहे अत्याचार को समाप्त करने के लिए व लोगों की रक्षा के लिए उन्हें पंजाब भेजा। बन्दा सिंह बहादुर ने समाना पर पहला युद्ध करके फतेह हासिल की। उन्होंने पंजाब में सिक्ख राज स्थापित किया और लौहगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। इस अवसर पर उन्होंने नानक शाही सिक्का भी चलाया।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि बाबा बन्दा सिंह बहादुर द्वारा जमीनों को जोत रहे किसानों को उनका मालिकाना हक देना एक क्रांतिकारी निर्णय था। बाद में मुगलों के साथ युद्ध करते हुए 759 सैनिकों के साथ बाबा बन्दा सिंह बहादुर को कैद करके दिल्ली के निकट महरौली में उन्हें, उनके सिपाहियों सहित शहीद कर दिया गया। शहीद हुए सैनिकों में उनके पूर्वज भी थे। इसीलिए उनकी श्रृद्धा बाबा बन्दा सिंह बहादुर के साथ जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि वह शहीद हुए 759 सैनिक सम्प्रदाय में से हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाबा बन्दा सिंह बहादुर की 300 साला शहीदी मार्च जो 31 मई को डेरा बाबा, जम्मू से चलेगी और 9 जून को महरौली में सम्पन्न होगी। शहीदी मार्च 3 जून को यहां गुरूद्वारा लौहगढ़ साहिब में पहुंचेगा। इस अवसर पर वह स्वयं पुन: उपस्थित होकर शहीदी मार्च में भाग लेंगे।
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