खैहरा ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंध्धन को लेकर अलग-अलग बयानबाजी करते है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की रीति-नीति पर भी कडे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी पूर्व पटियाला रियासत की तरह ही प्रदेश का शासन चला रहे हैं। संविधान के प्रावधानों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनकी पार्टी के विधायकों की ही उन तक पहुंच मुश्किल है। कांग्रेस के कुल 78 विधायक हैं और इनमें से कई असंतुष्ट है। उनकी मंत्री पद पाने जैसी इच्छा पूरी नहीं होने से निराशा है। उन्होंने कहा कि ये निराश विधायक जल्दी ही दिल्ली में पार्टी आला कमान से मिलेंगे। वर्ष 2004-05 के दौरान भी कैप्टेन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत हुई थी।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब में नदी जल प्रदूषण की बहुत बडी और गंभीर समस्या है। इसकी गंभीरता के अनुपात में कैप्टेन अमरिंदर सरकार सुधार के कदम नहीं उठा रही। इसी तरह नशे की समस्या व्यापक है। नशे की समस्या के समाधान के लिए बडे ड्रग माफिया पर कार्रवाई जरूरी है।
खैहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की भलाई के कदम उठाने के बजाय व्यक्ति विशेष के हितों का ध्यान रखते है। पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिंदर कौर भट्टल के सरकारी बंगले में अनुमति से अधिक रहने के कारण बना 84 लाख रूपए किराया माफ कर दिया और अब उन्हें सरकारी आवास की पात्रता दिलाने के लिए छोटे पद योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों का संकट दूर नहीं हुआ और वे अब भी आत्महत्या कर रहे हैं। कारण यह है कि वायदे के अनुसार कर्ज माफ ही नहीं किया गया।
गुरूग्रंथ साहिब के अपमान के विरोध में शातिपूर्ण आंदोलन के दौरान वर्ष 2015 में फरीदकोट जिले के बेहबल कलां में पुलिस गोली से मारे गए दो सिख युवकों के मामले में एफआईआर अभी तक अज्ञात लोगों के खिलाफ है। इस मामले में दोषी पुलिस कर्मी नामजद किए जाने चाहिए।