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पंजाब में आम आदमी पार्टी फिर विवाद में,नेता प्रतिपक्ष का जनमत संग्रह-2020 को परोक्ष समर्थन

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jun 16, 2018 07:23:02 pm

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Prateek

अब नया विवाद विदेश स्थित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फाॅर जस्टिस द्वारा खालिस्तान के पक्ष में शुरू किए गए जनमत संग्रह-2020 को नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा द्वारा परोक्ष समर्थन से उठ खडा हुआ है…

AAP Leader  Sukhpal Khaira

AAP Leader Sukhpal Khaira

राजेंद्र सिंह जादौन की रिपोर्ट…

(चंडीगढ): पंजाब में आम आदमी पार्टी फिर विवाद में है। पहला विवाद तब शुरू हुआ था जबकि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी नेताओं के खालिस्तानी उग्रवादियों के साथ सम्बन्धों की सुगबुगाहट हुई थी। पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के खालिस्तानी उग्रवादी के घर ठहरने का मसला खूब उछला था। अब नया विवाद विदेश स्थित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फाॅर जस्टिस द्वारा खालिस्तान के पक्ष में शुरू किए गए जनमत संग्रह-2020 को नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा द्वारा परोक्ष समर्थन से उठ खडा हुआ है। इस विवाद के चलते पंजाब की कांग्रेस सरकार का नेतृृत्व कर रहे मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि अरविंन्द केजरीवाल जनमत संग्रह-2020 पर अपना रूख स्पष्ट करें।

कैसे कर सकते है विरोध-खैहरा

नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा पत्रकारों से बातचीत के वीडियो में साफ ही कहते दिखाई देते हैं कि वे देश को अखण्ड रखने के पक्ष में हैं लेकिन विदेश की धरती से चलाए जा रहे जनमत संग्रह-2020 का विरोध भी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में इसके लिए स्वतंत्रता उपलब्ध है। इसके साथ ही खैहरा कहते है कि सिखों के साथ अत्याचार हुए है। सन् 1984 में स्वर्ण मंदिर में आॅपरेशन ब्ल्यू स्टार को अंजाम दिया गया। इसके बाद सिखों का कत्लेआम किया गया और उनको आज तक न्याय नहीं मिला।

अकाली दल पर उठाए सवाल

जब खैहरा से पूछा गया कि वे जनमत संग्रह के समर्थन या विरोध का अपना रूख साफ-साफ बयान करें तो उन्होंने कहा कि उन्हें इतना ही कहना है। वे आपके शब्द अपने मुंह से नहीं कहेंगे। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपनी आलोचना किए जाने पर खैहरा ने कहा कि आज जो अकाली दल है वह नकली है। वरना पहले के अकाली दल ने आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव पारित किया था। कपूरी मोर्चा और धर्मयुद्ध मोर्चा लगाया था। आज तो सिख कत्लेआम के मुद्दे पर अकाली दल सिर्फ राजनीतिक लाभ ले रहा है। इस सवाल पर कि सिखों पर अत्याचार कांग्रेस शासन में हुए थे तो वे भी तो कांग्रेस में रहे है, खैहरा ने कहा कि उन्होंने तो कांग्रेस में रहते हुए राहुल गांधी के सामने यह मुद्दा उठाया था।

 

अपना रूख साफ करे “आप”- सीएम

नेता प्रतिपक्ष के गोल-मोल जवाबों को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने बीच में दखल करते हुए अरविंद केजरीवाल को टेग कर अपने ट्वीट में कहा कि नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा द्वारा जनमत संग्रह-2020 का समर्थन किए जाने की मैं कडी निंदा करता हूं। यह पंजाब को भारत से अलग करने की कोशिश है। केजरीवाल इस मामले में अपना रूख स्पष्ट करें और अपनी पार्टी के नेताओं को जिम्मेदारी का व्यवहार करने के लिए कहे। साथ ही वे यह देखें कि जनमत संग्रह का उद्देश्य क्या है।

 

पंजाब में समय-समय पर लगाए जाते रहे है पोस्टर

पंजाब में समय-समय पर जनमत संग्रह-2020 के पक्ष में पोस्टर और होडिंगा लगाए जाते रहे है। सिख फाॅर जस्टिस के अमरीका स्थित नेताओं समेत पांच लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। सिख फाॅर जस्टिस के अमरीका स्थित कानूनी सलाहकर गुरपतवन्त सिंह इन अभियुक्तों में शामिल है। सिख फाॅर जस्टिस संयुक्त राष्ट्र संघ के 1945 के चार्टर में निहित किसी व्यक्ति या संस्था के स्वनिर्णय के अधिकार के तहत खालिस्तान निर्माण के पक्ष में जनमत संग्रह करना चाहता है।

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