अकाली दल ने इसके साथ ही एसआईटी जांच के सिलसिले में एसआईटी सदस्य और आईजीपी कुंवर विजय प्रताप सिंह की ओर से मीडिया को दिए गए बयानों पर कडी आपत्ति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को शिकायत भेजकर उन्हें एसआईटी से हटाने की मांग की है। अकाली दल ने कहा है कि आईजीपी के बयान गैर पेशेवराना है।
अकाली दल के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने सिखों पर पुलिस फायरिंग के मामले में जांच के लिए गठित एसआईटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल,पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को भेजे गए सम्मनों पर गुरूवार को यहां कहा कि अकाली दल की कोर कमेटी ने जांच में सहयोग का फैसला किया था। अकाली दल चाहता है कि जांच से सच्चाई सामने आए। इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जांच में सहयोग के लिए शुक्रवार को चंडीगढ में उपलब्ध रहेंगे। इस बारे में एसआईटी को लिखित सूचना भेज दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रकाश सिंह बादल को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत गवाह के बतौर जांच में सहयोग के लिए सम्मन भेजा गया था और वे जांच में सहयोग के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि नियमानुसार वरिष्ठ नागरिक को उनके निवास पर सम्मन भेजे जाने चाहिए। इसी तरह जांच भी की जाना चाहिए। चीमा ने इस बात पर आपत्ति जताई की एसआईटी ने तमाम गवाहों और अधिकारियों को जांच के लिए बुलाया लेकिन मीडिया को सूचना जारी नहीं की गई तबकि गवाह के बतौर प्रकाश सिंह बादल को बुलाए जाने पर मीडिया को सूचना जारी की गई।