क्यों घटाई गई यात्रा की अवधि श्री अमरनाथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। उन्हें तम्बुओं में रात्रि विश्राम करना होता है। ऐसे में सामाजिक दूरी का अनुपालन कैसे होगा, इस पर मंथन किया जा रहा है। इसी कारण यात्रा की तारीख आगे बढ़ाई गई है। साथ ही जो यात्रा की अवधि कम कर दी गई है। 42 दिन के स्थान पर 15 दिन में ही यात्रा का समापन करना होगा। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा कि यात्रा की अवधि लम्बी होगी तो कोरोनावायरस का प्रकोप रोकने के लिए बनाए गए नियम अधिक टूटेंगे। पवित्र गुफा के प्रबंधन और यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर है। बोर्ड ही चाहता है कि यात्रा सीमित समय के लिए हो।
चंदनबाड़ी में नहीं हुई पूजा श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी। श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले प्रथम पूजा ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (इस बार पांच जून) को दक्षिण कश्मीर के चंदनबाड़ी में होती है। अबकी यह पूजा स्थगित कर दी गई है।
धारा 370 और 35 ए हटने के बाद पहली यात्रा -जम्मू एवं कश्मीर से अधिनियम 370 और 35 ए हटाने के बाद की यह पहली यात्रा है। जैसे-जैसे यात्रा का समय निकट आ रहा है, जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कई दिन से सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच रोजाना मुठभेड़ हो रही है। माना जा रहा है कि आतंकवादी यह संदेश देना चाहते हैं कि श्री अमरनाथ यात्रा करना सुरक्षित नहीं है, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के आगे उनके मंसूब ध्वस्त हो रहे हैं। भारत-चीन सीमा पर तनाव था, जो फिलहाल दूर हो गया है। पाकिस्तान सीमा पर तनाव तो हर समय बना ही रहता है। इसके बाद भी श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।
पंजीकरण के नियम श्री अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण के नियम जारी कर दिए गए हैं। पंजीकरण और यात्रा परमिट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और यस बैंक की 442 शाखाओं के माध्यम से पंजीकरण किया जाएगा। 13 वर्ष उम्र से कम या 75 वर्ष से ऊपर और छह सप्ताह के गर्भ से अधिक कोई औरत का यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं होगा। एक अप्रैल से पंजीकरण होने थे।