अकाली दल ने शाह को आश्वस्त किया कि इस बार हरियाणा में भाजपा के साथ ही मिलकर ही चुनाव लडेंगे। इंडियन नेशनल लोकदल ने उसके साथ संबंध तोड लिए हैं। दोनों दलों के बीच लुधियाना और अमृतसर लोकसभा सीटों को बदलने के लिए प्रदेश के अकाली दल और भाजपा नेताओं की छह सदस्यों की समन्वय कमेटी का गठन किया जाएगा। यह समन्वय कमेटी दोनों दलों के बीच पैदा होने वाले छोटे मुद्दों का निपटारा करेगी। अभी तक भाजपा अमृतसर लोकसभा सीट से उम्मीदवार उतारती रही है लेकिन अब अकाली दल यह सीट चाहता है।
गोपनीय बैठक भी हुई
शाह के साथ करीब तीन घंटे की बैठक में अकाली दल एवं भाजपा के करीब दो दर्जन नेता व सांसद मोजूद थे। शाह ने प्रकाश सिंह बादल व सुखवीर बादल के साथ गोपनीय बैठक की। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने शाह को आश्वस्त किया कि अकाली दल का भाजपा के साथ स्वाभाविक गठबंधन है। लेकिन शाह से किसानों व सिख समुदाय का विश्वास हासिल करने के लिए इनके मुद्दों को हल कराने का आग्रह भी किया।
सिख विरोधी हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने की मांग
सूत्रों ने बताया कि दोनों पिता-पुत्रों ने शाह से वर्ष 1984 की सिख विरोधी हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने,सिखों की ब्लैक लिस्ट समाप्त करने,सशस्त्र बलों में पंजाब से अधिक भर्तियां करने,स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व पंजाब के किसानों की आर्थिक मदद करने,पेट्रोल -डीजल की कीमतें कम करने के लिए दोनों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांगें रखी। इस बारे में तय किया गया कि सुखवीर बादल के नेतृृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर बताएगा कि सरकार को क्या करना है।
केन्द्र की योजनाओं के लाभ बताने को कहा
शाह ने अकाली दल व भाजपा के अन्य नेताओं के साथ बातचीत में कहा कि वे पंजाबियों को बताए कि उन्हें केन्द्र की योजनाओं से किस तरह लाभ मिला है। शाह ने पंजाब भाजपा के प्रमुख नेताओं से कहा कि वे केन्द्र की मोदी सरकार की योजनाओं से मिले लाभ के बारे में लोगों को बताएं।