पंजाब के भारतीय किसान यूनियन एकता के अध्यक्ष ने शुक्रवार को यहां पत्रकारवार्ता में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी से पांच मुद्यों को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इनमें किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक फसलों का समर्थन मूल्य तय करने,किसानों के सभी कर्ज माफ करने,सब्जी की फसलें भी समर्थन मूल्य के दायरे में लाने,किसानों की न्यूनतम आय तय करने एवं लोकपाल की शीघ्र नियुक्ति करने की मांगें शामिल है।
उन्होंने बताया कि आंदोलन के सिलसिले में राष्ट्रीय किसान महासंघ की कोर कमेटी और अन्ना हजारे की पत्रकारवार्ता आगामी 21 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे अपने गांव रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन शुरू करेंगे। चंडीगढ में किसानों का आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हाल में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में किसानों ने भाजपा को अपनी ताकत का अहसास कराया है। पंजाब में चुनावी वायदे के अनुसार किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। पंजाब में किसानों पर कुल सरकारी कर्ज 90 हजार करोड है। अभी तक 2700 करोड रूपए माफ किया गया है और 5 हजार करोड और माफ करने की तैयारी है। कर्ज माफ करने के बजाय किसानों की कुर्की की जा रही है और चेक भरवा कर मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणापत्र को लागू करना कानूनन बाध्यकारी बनाया जाना चाहिए।