मुख्य आरोपी की मौत से उलझा मामला
मामले के मुख्य अभियुक्त गुरपिंदर सिंह ( Gurpinder Singh ) की अमृतसर जेल में रहस्यमय हालात में मौत के कुछ दिन बाद एनआईए ( NIA ) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली है। कस्टम और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( Narcotics Control Beuro ) के अधिकारियों ने मुख्य अभियुक्त गुरपिंदर सिंह की मृत्यु के पीछे साजिश का संदेह जताया है। एनआईए इस मामले के अभियुक्त कश्मीर के हंदवारा निवासी तारिक अहमद लोन की भूमिका की जांच करना चाहती है।
तारिक अहमद लोन पर निगाह
तारिक अहमद ने ही गुरपिंदर सिंह के जरिए पाकिस्तान से रॉक साल्ट की खेप का आयात करवाया था। इसी खेप में 532 किलो हेरोइन बरामद की गई थी। इस मामले में एक और कुख्यात ड्रग तस्कर रणजीत सिंह का नाम आया है लेकिन उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के जाल तक पहुंचने के लिए मामले की जांच पंजाब पुलिस और कस्टम से लेकर एनआईए को सौंपी है। ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के गठजोड़ का खुलासा किया जा सकता है।
गुरपिंदर की मौत की न्यायिक जांच शुरू
दूसरी ओर हेरोइन बरामदगी मामले के मुख्य अभियुक्त गुरपिंदर सिंह की संदिग्ध मृत्यु के मामले में न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में जांच के लिए उन लोगों की सूची तैयार की गई है जिनके बयान दर्ज किए जाने है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु अग्रवाल एवं जांच दल ने अमृतसर जेल में उस बैरक का दौरा किया, जहां गुरपिंदर सिंह को बंद रखा गया था। उसके साथी कैदियों के बयान दर्ज किए गए और उनकी वीडियोग्राफी की गई। गुरपिंदर को पिछले 29जून को गिरफ्तार कर 1 जुलाई को जेल भेजा गया था। बाद में 22 जुलाई को अस्पताल के रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। गुरपिंदर सिंह डायबिटीज का पुराना रोगी था।
पंजाब की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें…