तेलंगाना एक्सप्रेस कैसे बनी बर्निंग ट्रेन
सामान्य की भांति बुधवार शाम तेलंगाना एक्सप्रेस हैदराबाद से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बाताया कि मथुरा से चलनेेे के बाद ट्रेन में आग से जलने की महक आने लगी थी। यात्रियों ने पैंट्री में तैनात कर्मचारियों को सूचित भी किया, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। होशंगाबाद से दिल्ली जा रहे यात्री दिनेश कुमार त्रिवेदी ने दावा किया कि यह आग पैंट्री से शुरू हुई और एसी कोच बी-1 तक पहुंच गई। ट्रेन जब पृथला के गांव जाजरू फाटक के पास पहुंची तो चालक ने ट्रेन को रोक दिया। आग की सूचना मिलते ही ट्रेन में सवार यात्रियों में भगदड़ मच गई। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी के जवानों तथा ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर ट्रेन में सवार यात्रियों को सकुशल बाहर निकाला।
किसी तरह आग पर पाया काबू
पुलिस की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। एक बार आग कंट्रोल किए जाने के बाद करीब दस बजे फिर से एक डिब्बे से आग की लपटें उठनी शुरू हुई तो फायर ब्रिगेड ने दोबारा आग की चपेट में आए डिब्बों के आसपास के डिब्बों में भी जांच की। आग लगने के कारण सुबह 7.40 बजे ट्रेन को गांव में रोका गया और करीब 11 बजे फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने प्रभावित डिब्बों का दौरा करके के बाद सबकुछ सामान्य होने की रिपोर्ट दी। दोपहर करीब 12 बजे अग्निकांड का शिकार हुए डिब्बों को काटकर अलग किया गया। इसके बाद मथुरा-दिल्ली ट्रैक पर यातायात सामान्य हुआ।
चालक तथा रेलवे कर्मियों के बयान पर कार्रवाई शुरू
रेलवे अधिकारियों की एक टीम ने भी घटनास्थल का दौरा करके जांच शुरू कर दी है। जीआरपी फरीदाबाद थाना प्रभारी एमएस डबास की माने तो सुबह उन्हें ट्रेन में आग लगने की सूचना मिलते ही जीआरपी के तमाम कर्मचारी और आसपास के जिला पुलिस के थानों की पुलिस राहत कार्यों में जुट गई थी। इस बारे में जीआरपी द्वारा ट्रेन के चालक तथा रेलवे कर्मियों के बयान पर अगली कार्रवाई शुरू कर दी गई है।