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शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के चुनावों के लिए केन्द्र से वार्ता का जिम्मा विधानसभा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सौंपा

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Feb 14, 2019 05:18:06 pm

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Prateek

फूलका के प्रस्ताव पेश करने पर सवाल उठने के बाद स्पीकर और मुख्यमंत्री ने फूलका का इस्तीफा लम्बित होना बताया…
 

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(चंडीगढ): पंजाब में लोकसभा चुनाव से पहले शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के पिछले तीन साल से लम्बित चुनाव का मुद्दा गर्मा गया। प्रदेश विधानसभा में गुरूवार को आम आदमी पार्टी के सदस्य और पूर्व नेता प्रतिपक्ष एचएस फूलका द्वारा पेश प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को कमेटी के चुनाव कराने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री से वार्ता के लिए अधिकृत किया गया।

 

शिरोमणि अकाली दल ने इस प्रस्ताव का परोक्ष विरोध किया। अकाली दल के सदस्य एनके शर्मा ने प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान सवाल उठाया कि एचएस फूलका ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। क्या वे प्रस्ताव पेश करने के लिए अभी सदस्य हैं। फूलका ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि दिसम्बर 2016 में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था। तभी से कमेटी के चुनाव लम्बित है। सदन प्रस्ताव पारित कर कमेटी के चुनाव के लिए जल्दी मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की मांग करे। इस बारे में मुख्यमंत्री को केन्द्रीय गृहमंत्री से मिलना चाहिए। इस चर्चा के बीच मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री से मिलकर मांग करेंगे कि कमेटी के चुनाव जल्दी कराए जाएं।

 

अकाली दल सदस्य एनके शर्मा द्वारा फूलका की सदस्यता पर सवाल उठाए जाने के बाद पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री विक्रम मजीठिया ने सवाल किया कि वे जानना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के कौन-कौन सदस्य हैं। कौन बागी गुट और कौन आम आदमी पार्टी से है। इनमें से कांग्रेस की बी टीम तैयार हो गई है। शहरी निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने इसी बीच कहा कि अकाली दल कुछ दिन पहले तो फूलका को सम्मानित करने की बात कह रहा था और अब कमेटी के चुनाव कराने की मांग से उखड़ गए। नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी के सदस्य हरपाल चीमा ने कहा कि अकाली दल कमेटी के चुनाव नहीं चाहता, इसलिए विरोध किया जा रहा है।

 

बाद में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कमेटी के चुनाव कराने के लिए केन्द्र सरकार से बात की जाएगी। चुनाव कराना केन्द्र का मुद्या है। विधानसभा ने इस मामले में वार्ता के लिए उनको अधिकृत किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कमेटी के चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद ही होंगे। केन्द्र और अकाली दल चुनाव कराना नहीं चाहते। वरना अब तक चुनाव करवा लिए जाते। चुनाव हर पांच साल में कराने होते है। तीन साल बिता देना गलत है।


उन्होंने एचएस फूलका की विधानसभा की सदस्यता के बारे में स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं किया गया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि वर्ष 1984 में उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसे दो माह बाद मंजूर किया गया और वे तब तक सांसद बने रहे। इससे पहले सदन में स्पीकर राणा केपी ने कहा कि फूलका का इस्तीफा निर्धारित प्रारूप में न आने के कारण उसे मंजूर नहीं किया गया है। इस मामले में फूलका को नोटिस दिया गया है। जवाब मिलने पर ही कोई फैसला किया जाएगा।

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