सिद्धू ने हाल में भटिंडा लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सभा में कहा था कि मतदाता मिलीभगत की राजनीति का अंत करने के लिए ऐसे नेताओं को अपने मतदान के जरिए हराएं। उन्होंने यह भी कहा था कि गुरूग्रंथ साहिब के अपमान और सिखों पर पुलिस फायरिंग के मामलों के दोषी अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए। सिद्धू ने यह टिप्पणी अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह पर ही की थी। सिद्धू की इस तिरछी टिप्पणी का स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने खुलासा करते हुए कहा था कि ‘सिद्धू स्वयं मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वे महत्वाकांक्षी हैं तो अच्छी बात है लेकिन उन्हें चुनाव के समय इस तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहिए थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व को इस पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करना चाहिए।’
मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच ताजा जुबानी जंग के पीछे कारण यह माना जा रहा है कि नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को कांग्रेस नेतृृत्व ने चंडीगढ लोकसभा सीट से टिकट नहीं दिया। नवजोत कौर ने टिकट न मिल पाने के पीछे मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार बताया है। नवजोत कौर अपने बयानों में कह चुकी हैं कि मुख्यमंत्री ने उन्हें टिकट नहीं मिलने दिया। अपनी पत्नी के इस आरोप पर नवजोत सिद्धू भी कह चुके हैं कि मेरी पत्नी झूठ नहीं बोलती है।
उधर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट पंजाब से बाहर होने के कारण टिकट न दिए जाने के पीछे उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। सिद्धू और मुख्यमंत्री के खिलाफ विवाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू के शामिल होने और वहां पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के गले लगने के बाद शुरू हुआ था।