नई नीति में वर्ष 2018 -19 में 5462 करोड़ रुपए संभावित राजस्व वसूली के मुकाबले वसूली का लक्ष्य बढाकर 6201 करोड़ रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि नई नीति में ग्रुपों की संख्या पहले की ही तरह तकरीबन 700 रहेगी। राजस्व में वृद्धि के मद्देनजर ही केवल ग्रुप के साईज़ में विस्तार किया जा सकेगा। इससे छोटे लाईसैंसधारकों की भागीदारी बढ़ेगी और ठेकों की संख्या आबकारी नीति 2018 -19 के समान ही रहेगी।
लाईसैंसधारकों को साल 2018 -19 के दौरान बेचने से बचे शराब के कोटे को बहुत ही मामूली फीस के साथ अगले साल 2019 -20 में लेजाने की अनुमति दी गई है। पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने के लिए एक अतिरिक्त बटालियन बनाई जाएगी जिसमें पुलिस का एक आई.जी.या डी.आई.जी., डिवीजऩल स्तर पर एस.पी. रैंक का अधिकारी, आवश्यक डी.एस.पी., हरेक आबकारी जिले में 50 -60 पुलिस कर्मचारी होंगे। इसको आबकारी और कर विभाग के लिए बनाया जाएगा।
साल 2018 -19 के दौरान शराब की खपत के अनुसार पी.एम.एल.(देसी शराब) का कोटा 5.78 करोड़ प्रूफ़ लीटर से बढ़ाकर 6.36 करोड़ लीटर किया गया है। यह वृद्धि 10 प्रतिशत है। इसी तरह भारत की बनी विदेशी शराब (आई.एम.एफ.एल.) का कोटा 2.48 करोड़ प्रूफ़ लीटर से बढ़ाकर 2.62 करोड़ प्रूफ़ लीटर किया गया है। यह वृद्धि 6 प्रतिशत है। इसके अलावा बीयर का कोटा 2.57 करोड़ बल्क लीटर से बढ़ाकर 3 करोड़ बल्क लीटर किया गया है जो 16 प्रतिशत अधिक है।
पिछले साल तक देसी शराब का एक्स -डिस्टिलरी मूल्य (ई.डी.पी.) सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता था। इस साल 2019 -20 के लिए एम.आर.पी. की धारणा को ई.डी.पी. के साथ जोडक़र पेश किया गया है। इससे डिस्टिलरियां अपने ब्रांडों की दरें स्वयं निर्धारित कर सकेंगी। एक रुपए लीटर की दर से बोटलिंग फीस लगाई जाएगी जो 30 करोड़ रुपए का अनुमानित राजस्व संग्रह करेगी। यह राशि वित्त विभाग को शराब नशामुक्ति उद्देश्यों के लिए आवंटित की जाएगी। आई.एम.एफ.एल. के थोक लाइसेंस देने के लिए लाईसेंस फीस निश्चित होगी जो 50 लाख की जगह 25 लाख होगी। आई.एम.एफ.एल पर तीन रुपए प्रति प्रूफ़ लीटर की दर से अतिरिक्त लाइसेंस के रूप में अस्थिर फीस होगी। यह बीयर पर दो रुपए प्रति बल्क लगाई गई है। यह एल-1 लाईसैंसियों द्वारा शराब की बिक्री पर निश्चित की गई है। केबिनेट ने पंजाब एक्साईज एक्ट 1914 के सैक्शन 31 की धारा सी में संशोधन करने की सहमति दी है। संशोधन 2019-20 की आबकारी नीति के मद्देनजर किया जाएगा।