31 मार्च के स्थान पर अब 31 मई को रिटायर होंगे
मुख्यमंत्री और अन्य वीवीआईपी सुरक्षा से 1300 कर्मी वापस
बिहार के प्रवासी मज़दूरों के लिए प्रबंध का विश्वास दिलाया
Captain amarinder singh
चंडीगढ़। पंजाब में लगे कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को सेवामुक्त होने जा रहे पंजाब पुलिस और होम गार्ड के कर्मियों के सेवाकाल में दो महीने की वृद्धि करने का फ़ैसला किया है। इससे ज़मीनी स्तर पर लोगों की मदद के लिए लगे प्रबंधन को और मज़बूत किया जा सकेगा। इसके अलावा फील्ड में कर्फ्यू की बंदिशों के कारण युद्ध स्तर पर काम करने में जुटे 44,546 पुलिस फोर्स पर दबाव घटाते हुए 1300 के करीब पुलिसकर्मियों को वीवीआई ड्यूटी से वापस बुला लिया गया। जिनमें मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात अमले की भी चोखी संख्या शामिल है। यह वापस बुलाए गए कर्मी कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन को लागू करवाने के लिए फील्ड में तैनात किए जाएंगे।
अधिसूचना जारी गृह मामले और न्याय विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक पंजाब सरकार में काम करने वाले वर्दीधारी पुलिस मुलाजि़म और पंजाब होम गार्डज़ अपनी सेवा-मुक्ति की तारीख़ की बजाय 31 मई, 2020 तक काम करते रहेंगे। नोटिफिकेशन के अनुसार यह आदेश अफसरों और कर्मचारियों पर भी लागू होंगे जिनकी सेवामुक्ति के हुक्म जारी हो गए थे। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक वृद्धि के समय के दौरान यह मुलाजि़म किसी भी तरक्की या अतिरिक्त भत्तों के लिए योग्य नहीं होंगे। राज्य सरकार ने इससे पहले सेवामुक्त हो रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य अमले के साथ-साथ सेनिटेशन वर्करों के सेवाकाल में भी वृद्धि की गई थी।
सुरक्षा ड्यूटी से हटाएं कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इससे पहले डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को उनके (मुख्यमंत्री) समेत सभी वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिस फोर्स में भी ज़रूरत के अनुसार बुलाने के लिए अधिकृत किया था, जिससे संकट की घड़ी में उनको फील्ड में तैनात किया जा सके। पिछले कई दिनों से बिना आराम और राहत के ड्यूटी निभा रहे हज़ारों पुलिसकर्मियों के कल्याण और मनोबल की चिंता करते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि सुरक्षा ड्यूटी से हटाकर अधिक से अधिक पुलिस फोर्स जुटाई जाए।
गृह जिले में तैनात करने पर विचार डी.जी.पी. ने बताया कि वापस बुलाने का फैसला संकट के डर को देखते हुए सारी स्थिति का मुल्यांकन करने के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जि़ला फोर्स और सशस्त्र बटालियनों से सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाकर सेवाएं निभाने का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फोर्स की व्यापक लामबंदी की योजना बनाई गई है और क्रमवार यह काम किया जाएगा। डी.जी.पी. ने कहा कि जहाँ तक संभव हो सके पुलिस कर्मचारियों को उनके घरेलू जि़लों में तैनात करने का ख्याल रखा जा रहा है।
बिहार के मजदूरों का ध्यान मुख्यमंत्री जो कोविड-19 और कर्प्यू के चलते पैदा हुई स्थिति की रोज़ाना की निजी तौर पर निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं, ने पुलिस और सिविल प्रशासन को कहा कि अचानक लॉकडाउन के कारण पंजाब में फंसे प्रवासी मज़दूरों और बेघरों की रक्षा और राहत के लिए सभी कदम उठाए जाएं। इसी सम्बन्ध में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करके इस बात से अवगत करवाया कि बिहार के प्रवासी मज़दूरों के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बिहार के अपने समकक्ष को कहा कि वह बिहार में यहाँ के मज़दूरों के परिवारों को यह विश्वास दिलाएं कि इस संकट की घड़ी में पंजाब और पंजाबियों की तरफ से उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
फोन पर बात की फ्रंटलाइन पर डटे वर्करों का मनोबल बढ़ाने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज भी दिन के समय में डॉक्टरों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निजी तौर पर फ़ोन पर बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस अनिर्धारित संकट के खि़लाफ़ लड़ाई में उनको पूरा सहयोग दे रही है।