उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में मंगलवार कों ही यहां पहुंचे पंजाब व हरियाणा के किसान प्रतिनिधियों ने कई अच्छे सुझाव दिये हैं। इस दौरान किसानों की दुर्दशा और उनके द्वारा की जा रही आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की गई। इसके लिए मौजूदा भाजपा सरकारों को जिम्मेवार ठहराया गया। बैठक में दोनों प्रदेशों की किसान यूनियनों व एसोसिएशनों और कृषि से जुड़े व्यवसायों के प्रतिनिधि व प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
हुड्डा ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों अपने सुझाव कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करने का अनुरोध किया है। इनमें सम्पूर्ण कर्जा माफी, सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग द्वारा निर्धारित सी 2 फार्मूला से निर्धारित किया जाए और किसान की पूरी फसल खरीदी जाने के सुझाव शामिल है।
उन्होंने बताया कि किसानों ने पराली को जलाने से रोकने के लिए आर्थिक सहायता या विशेष उपकरण उपलब्ध कराने, आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने,खाद, कृषि उपकरण, कीटनाशक दवा और ट्रैक्टर के स्पेयर पार्टस को जीएसटी के दायरे से बाहर करने तथा पैट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांगें भी रखी गई।किसानों ने सिंचाई सुविधायें बढ़ाने, पुराने जलाश्यों का सुधार और विस्तार करने, वर्षा के पानी का संरक्षण करने की मांगें भी रखी गईं।