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हरियाणा सरकार ने एसटी एससी आरक्षण 10 साल बढ़ाया

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jan 20, 2020 05:50:09 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

हरियाणा ( Hariyana News) विधानसभा ने सोमवार को विशेष सत्र में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण को दस साल बढाने ( SC ST Reservation Extend ) वाले संविधान के 126 वें संशोधन की पुष्टि कर दी। संविधान संशोधन की पुष्टि के लिए सरकार की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव ( Reservation extend in Assembly ) सर्वसम्मति से पारित किया गया।

हरियाणा सरकार ने एसटी एससी आरक्षण 10 साल बढ़ाया

हरियाणा सरकार ने एसटी एससी आरक्षण 10 साल बढ़ाया

चंडीगढ। हरियाणा ( Hariyana News) विधानसभा ने सोमवार को विशेष सत्र में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण को दस साल बढाने ( SC ST Reservation Extend ) वाले संविधान के 126 वें संशोधन की पुष्टि कर दी। संविधान संशोधन की पुष्टि के लिए सरकार की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव ( Reservation extend in Assembly ) सर्वसम्मति से पारित किया गया।

आम राय से बने जनसंख्या नियंत्रण कानून
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह सत्र आरक्षण दस साल बढाने की पुष्टि के लिए विशेष रूप से आहूत किया गया था। नागरिकता संशोधन कानून के लगातार विरोध पर मनोहर लाल ने कहा कि कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेस नेताओं ने भी कहा है कि संसद से मंजूर कानून का विरोध असंवैधानिक है। जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ राष्ट्् के हितों पर चिंतन करता है। लेकिन किसी भी मुद््दे पर कानून तब बनाया जाता है जबकि प्रबुद्धजनों के बीच आमराय बन जाती है।

गृहमंत्री से विवाद तकनीकी मामला
सीआईडी को लेकर गृहमंत्री अनिल विज और उनके बीच चल रही विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मात्र तकनीकी मामला है और इसे सुलझा लिया जाएगा। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुण्डू द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ना तो किसी पर दवाब डालते है और न ही दवाब झेलते है। उधर गृृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर काम करती रहती है लेकिन इसे आंदोलन के रूप में छेडा जाना चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून के मुद््दे पर विज ने कहा कि कांग्रेस संविधान और कानून को न मानकर देश में अफरा-तफरी का माहौल पैदा करना चाहती है। कांग्रेस को राज्यों में अपनी सरकारों को इस कानून के खिलाफ गैर संवैधानिक कायज़् करने से रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल एक वकील होने के साथ कांग्रेस के नेता भी है। उन्होंने कहा है कि संसद से पारित कानून को राज्यों द्वारा विरोध नहीं किया जा सकता है।

सत्र अधिक समय के लिए बुलाए जाने की मांग
विधानसभा का विशेष सत्र मात्र एक दिन का रखे जाने पर नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड््डा ने कहा कि सत्र को अधिक समय के लिए बुलाया जाना चाहिए था। इससे जनता के मुद््दों पर चर्चा हो सकती थी। जब सत्र में प्रशनकाल और शून्यकाल नहीं होने थे तो इसे मात्र आरक्षण काल बढाने के लिए संविधान संशोधन की पुष्टि तक ही रखा गया। एक दिन के सत्र में आरक्षण का समय दस साल बढाने के लिए संविधान संशोधन की पुष्टि के अलावा सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाएं सदन में पुष्टि के लिए रखी गई। पिछले सत्र में पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी दिए जाने की सूचनाएं भी सदन में रखी गई।

प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने रविवार को कहा था कि विशेष सत्र तीन दिन का होगा और यह दो चरणों में पूरा होगा। पहले दिन सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद इस पर चर्चा कराई जायेगी। दूसरे दिन मंगलवार को चर्चा पूरी होने पर मुख्यमंत्री जवाब देंगे। इसके बाद तीन बजे से विधायकों के प्रशिक्षण का सत्र सदन में ही शुरू होगा और इसका समापन तीसरे दिन बुधवार को किया जाएगा। लेकिन गुप्ता ने यह भी कहा था कि इस कार्यक्रम पर सदन की कार्य सलाहकार समिति सोमवार को ही अपनी बैठक में अंतिम रूप देगी। सोमवार को कार्य सलाहकार समिति ने सत्र मात्र एक दिन का कर दिया और दो दिन का विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम इससे अलग कर दिया। सत्र की शुरूआत भी सुबह ग्यारह बजे के बजाय साढे ग्यारह बजे की गई। राज्यपाल के संक्षिप्त उदबोधन के बाद शोक प्रस्ताव पढे गए और संविधान संशोधन के लिए प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके साथ ही सदन का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

नया वर्ष जनसेवा के लिए
नए साल में विधानसभा के पहले सत्र की शुरूआत राज्यपाल के परम्परागत अभिभाषण से की जाती है लेकिन इस परम्परा के विपरीत राज्यपाल ने नवनिर्वाचित विधायकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपना अभिभाषण सदन के बजट सत्र में पढेंगे। उन्होंने कहा कि यह सत्र विशेष उद््देश्य से बुलाया गया है इसलिए मैं इस सत्र में अभिभाषण नहीं करूंगा। राज्यपाल ने जय हरियाणा और जयहिन्द के साथ अपने संबोधन का समापन किया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि नया वर्ष हमें जनसेवा करने के लिए शक्ति प्रदान करेगा। हालांकि राज्यपाल ने अपने इस संक्षिप्त उदबोधन के साथ कहा कि वे अपना अभिभाषण बजट सत्र में पढेंगे। लेकिन विधानसभा के सचिव राजेन्द्र कुमार नांदल ने कहा कि राज्यपाल का यह उदबोधन भी अभिभाषण ही है। उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल सदन में अपनी अनुपस्थिति में निवास से लिखा हुआ संदेश भी भेज देते है तो वह भी अभिभाषण माना जाता है।

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