दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा के विधायकों द्वारा पूर्व हुड्डा सरकार को इन्हीं मुद्दों पर घेरा जाता था। इसके उलट सत्ता में आने के तुरंत बाद से ही भाजपा सरकार में भी दोबारा नियुक्तियों का खेल शुरू हो गया। हरियाणा में सेवानिवृत्त अधिकारियों को दोबारा नियुक्ति प्रदान करने की परंपरा पूर्व की चौटाला सरकार के समय में शुरू हुई थी और अब यह धीरे-धीरे मजबूत होती जा रही है।
हरियाणा की मनोहर सरकार ने हालही में पूर्व आईपीएस आर.के पचनंदा को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन नियुक्त किया है। इससे पहले पूर्व पुलिस महानिदेशक वाईके सिंघल को जहां सूचना आयुक्त लगाया गया है वहीं हुड्डा सरकार में सबसे मजबूत रहे आईएएस केके खंडेलवाल को सेवानिवृत्ति के ऐन मौके पर सरकार ने हरियाणा रियल एस्टेट रैगुलेटरी कमीशन (हरेरा) की गुरुग्राम बैंच तथा सेवानिवृत्त आईएएस राजन गुप्ता को पंचकूला बैंच का चेयरमैन नियुक्त कर दिया।
मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान सेवानिवृत्त आईएएस रामनिवास को स्टेट पुलिस कंपलेंट अथारिटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान ही वर्ष 2017 में जहां सेवानिवृत्त आईएएस चंद्र प्रकाश को सूचना आयुक्त लगाया गया वहीं सेवानिवृत्त एचसीएस नरेंद्र यादव भी सूचना आयुक्त के पद पर दोबारा नियुक्ति पाने में कामयाब रहे हैं।
कई उदाहरण कार्यकाल विस्तार के भी
हरियाणा में सरकार कोई भी हो लेकिन अपने चहेते अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन देने के मामले में कोई भी पीछे नहीं रहा है। कई बार तो आलम यह रहा है कि कुछ अधिकारी सामान्य सेवानिवृत्ति के समय पहले एक्सटेंशन लेते हैं और बाद में एक या दो साल की एक्सटेंशन पूरी करके किसी अन्य स्थान पर नियुक्ति पा लेते हैं। एक समय ऐसा भी रहा है जब मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के सेवाकाल का विस्तार किया जाता रहा है। पूर्व की हुड्डा तथा मौजूदा मनोहर सरकार के कार्यकाल में भी दर्जनों ऐसे मामले हैं जिनमें अधिकारियों का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें एक्सटेंशन प्रदान की गई है।