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हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को दिया आदेश,पूर्व डीजीपी सैनी को गिरफ्तारी से पहले देना होगा नोटिस

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Oct 11, 2018 05:08:23 pm

Submitted by:

Prateek

याचिका में सैनी ने यह भी मांग की है कि उनके खिलाफ यदि मामला बनता हो तो उसे जांच के लिए सीबीआई या ऐसी किसी जांच एजेंसी को सौंपा जाए जिस पर पंजाब सरकार का प्रभाव न हो…

(चंडीगढ): पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरूवार को पंजाब सरकार को आदेश दिया कि यदि पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ कोई मामला बननें पर उनकी गिरफ्तारी की जरूरत हो तो एक सप्ताह पहले नोटिस जारी कर उन्हें सूचित किया जाए। सैनी ने पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा गठित जस्टिस-रिटायर्ड रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट में अपने बारे में आए निष्कर्षों के मद्येनजर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

 

याचिका में सैनी ने यह भी मांग की है कि उनके खिलाफ यदि मामला बनता हो तो उसे जांच के लिए सीबीआई या ऐसी किसी जांच एजेंसी को सौंपा जाए जिस पर पंजाब सरकार का प्रभाव न हो। सैनी की इस मांग पर हाईकोर्ट की जस्टिस जीएस गिल की बेंच ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। बेंच ने अगली सुनवाई 28 नवम्बर को तय की है। इस तिथि को राज्य सरकार को जवाब दाखिल करना है।

 

पंजाब में अक्टूबर 2015 में सिख धर्मग्रंथ गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं के विरोध में फरीदकोट जिले के बरगरी व कोटकपुरा में प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस ने फायरिंग की थी। इस फायरिंग में दो सिख मारे गए थे और कुछ अन्य घायल हो गए थे। पुलिस फायरिंग के समय सुमेध सिंह सैनी पुलिस महानिदेशक थे। उस समय इस सारे घटनाक्रम की जांच के लिए अकाली दल सरकार ने जस्टिस-रिटायर्ड जोरावर सिंह कमीशन का गठन किया था। जोरावर सिंह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।


रणजीत सिंह कमीशन का गठन

इसके बाद पिछले साल सत्तारूढ हुई कांग्रेस सरकार ने जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन का गठन कर गुरूग्रंथ साहिब के अपमान एवं पुलिस फायरिंग की घटनाओं की जांच करवाई थी। रणजीत सिंह कमीशन ने अपनी रिपोर्ट पिछले 30 जून को मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। इसके बाद रिपोर्ट विधानसभा में पेश कर चर्चा करवाई गई थी।

 

रिपोर्ट में यह बात आई सामने

रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस फायरिंग के लिए जरूरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। साथ ही यह भी कहा गया कि पुलिस फायरिंग के सिलसिले में पुलिस महानिदेशक और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सम्पर्क में थे। पुलिस फायरिंग में सिखों की मृृत्यु के मामले में अज्ञात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद इस एफआईआर में पुलिस अधिकारी नामजद किए गए है।

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