scriptरेप जैसी घटनाएं रोकने को खाप पंचायत पढ़ाएंगी संस्कारों के पाठ | Khap Panchayat will teach lessons of rites to prevent incidents like rape | Patrika News

रेप जैसी घटनाएं रोकने को खाप पंचायत पढ़ाएंगी संस्कारों के पाठ

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Dec 07, 2019 07:08:04 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

रेप जैसी घटनाओं पर रोक लगने के लिए अब सर्व जातीय खेड़ा खाप युवाओं को संस्कारों का पाठ पढाएंगी। इसको लेकर सर्व जातीय खेड़ा खाप जल्द खाप के सभी गांवों में संस्कार पाठशाला आयोजित करेंगी।
 
 
 
 

रेप जैसी घटनाएं रोकने को खाप पंचायत पढ़ाएंगी संस्कारों के पाठ

रेप जैसी घटनाएं रोकने को खाप पंचायत पढ़ाएंगी संस्कारों के पाठ

चंडीगढ़(संजीव शर्मा): रेप जैसी घटनाओं ( Stop incidents of Rapes ) पर रोक लगने के लिए अब सर्व जातीय खेड़ा खाप ( Khap Panchyat Teach rites ) युवाओं को संस्कारों का पाठ पढाएंगी। इसको लेकर सर्व जातीय खेड़ा खाप जल्द खाप के सभी गांवों में संस्कार पाठशाला आयोजित करेंगी। इन पाठशालाओं में युवाओं को संस्कार ( Lessons of rites ) के बारे में बताया जाएगा। पंचायत का मानना है कि निरंतर बढ़ रही वारदातों में युवाओं के अंदर संस्कारों की हो रही कमी भी एक बड़ा कारण सामने आ रहा है।

कड़े कानून के साथ संस्कार जरूरी
बरसोला गांव में खाप के प्रधान ( Khap Pradhan ) सतबीर पहलवान बरसोला ने बताया कि रेप जैसी घटनाओं पर रोक लगे इसके लिए कड़ा कानूनी सबसे जरूरी है। कड़ा कानून बनने के बाद इस तरह की वारदात कम होगी लेकिन ऐसी वारदाताओं पर पूर्ण रूप से रोक लगे इसके लिए खाप युवाओं को संस्कारवान बनाने के लिए संस्कार का पाठ पढाएंगी। आज परिवार एकल हो रहे है पहले संयुक्त परिवार होते थे। युवा परिवार के बड़े-बुजुर्गों के पास बैठकर संस्कार की बात सुनते थे। अब परिवारों के एकल होने के चलते युवाओं के पास बुजुर्गों के पास बैठने का समय नहीं है। जीवन में संस्कार सबसे जरूरी है।

एक घंटा बुजुर्गों के पास बैठे युवा
बरसोला ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वो कम से कम एक घंटा अपने परिवार के बुजुर्ग के पास बैठे ताकि उससे सामाजिक बातों के साथ-साथ संस्कारों के बारे में जाने। आज युवा बुजुर्गों के पास बैठने से कतराते है। बुजुर्गों के पास अगर युवा बैठेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि जो बुजुर्ग हैं जब वो युवा थे तो किस तरह से अपने बड़ों का आदत करते थे, परिवार की मयार्दा के लिए वो कैसे रहते थे ताकि परिवार की मयार्दा को ठेस न पहुंचे। ऐसी बाते किताबों में नहीं मिलती है बल्कि इसके लिए युवाओं को बुजुर्गों के पास बैठना पड़ेगा।

हर गांव में बनाएंगे कमेटी
उन्होंने कहा कि युवाओं को संस्कार का पाठ पढाने की शुरूआत खाप के गांवों से करेंगे। हर गांव में कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी गांव में संस्कार की पाठशाला लगाएगी। कमेटी युवाओं को संस्कार के बारे में विस्तार से बताने के साथ-साथ इस मुहिम के युवाओं को जोड़ेगी ताकि अधिक से अधिक युवाओं को संस्कार का ज्ञान दे सकें। आज युवा वर्ग बुजुर्गों से क्यों दूर हो रहा है इसका कारण भी युवाओं से जाना जाएगा। आज युवा बुजुर्गों के पास बहुत कम बैठते है। बुजुर्ग लोग ज्ञान का खजाना होते है वो हर दौर से निकले हुए है।

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