हाईकोर्ट को पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने नियम बनाएं हैं और अधिकारियों को शक्तियां दी हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद भी कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है, सरकार बताए कितने मामलों में मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है। यदि नियम बनाकर कार्रवाई नहीं करनी है तो क्यों बेकार में कागज काले किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि शादियों-पार्टियों या लाउडस्पीकर लगाने वाले संस्थानों से इन्हें हटाने में पुलिस और प्रशासन ( Police and Administration ) क्यों डरता है।
इन सभी याचिकाओं की साथ में सुनवाई करते हुए सोमवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा। पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने अपनी ओर से बहुत प्रयास किए हैं कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों को परेशानी न हो। इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का प्रयोग न हो। इसके साथ ही छात्रों की परीक्षाओं के तीन दिन पहले से दिन में भी खुले स्थानों पर लाउडस्पीकर की पाबंदी का प्रावधान किया गया है।
पंजाब सरकार के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि यह बताओ कि अब तक कितने मामलों में इन नियमों की अवहेलना करने पर केस दर्ज किया गया है। सरकार की ओर से इस बारे में कोई ठोस जवाब न मिलने पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।