एक घंटे तक चली वार्ता
दिल्ली में उपमुख्यमंत्री और पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने सुखपाल खैहरा और उनके समर्थक विधायकों के साथ रविवार एक घंटे तक वार्ता की। इस वार्ता में खैहरा की ओर से उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद पर बहाल करने की मांग की गई। मनीष सीसोदिया ने इस मांग को नामंजूर कर दिया। उधर, खैहरा ने भी मोर सम्मेलन स्थगित करने की सिसोदिया की अपील नामंजूर कर दी।
यह लोग रहे बैठक में मौजूद
खैहरा समेत आठ विधायक वार्ता के लिए पहुंचे थे। इनमें खैहरा के अलावा कंवर संधू,पीरमल सिंह धौला, मास्टर बलदेव सिंह, नजर सिंह महाशाहिया,जगदेव सिंह कमालू, जगतार सिंह, रूपिंदर कौर रूबी शामिल थे। नेता प्रतिपक्ष पद से सुखपाल खैहरा को हटाकर दिरबा विधायक हरपाल चीमा को नियुक्त करने के पार्टी नेतृृत्व के फैसले का समर्थन कर रहे आठ विधायक वार्ता में नहीं पहुंचे थे। इनमें से एक सुनाम विधायक अमन अरोरा ने कहा कि सभी विधायकों को नही बुलाया गया था। खैहरा को हटाने को अलोकतांत्रिक व असमय उठाया गया कदम बताने वाले विधायक कंवर संधू ने कहा कि बैठक में थोडे समय के लिए दाखा के विधायक एचएस फूलका, पूर्व विधायक जरनैल सिंह व नेशनल संगठन प्रमुख दुर्गेष पाठक भी पहुंचे थे। विधायकों ने पहले पार्टी के विभाजन के लिए जिम्मेदार बताते हुए पाठक की बैठक में मौजूदगी पर आपत्ति की।
बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का चेहरा कहे जाने वाले सुखपाल खैहरा पहले बतौर नेता प्रतिपक्ष काम देख रहे थे। बीते दिनों पार्टी हाइकमान के निर्देश पर दिरबा के पार्टी विधायक हरपाल सिंह चीमा को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया जिसके बाद से ही पार्टी धड़ो में बट गई है।