जसवन्त सिंह ने बताया कि पंजाब का मुख्यमंत्री पद संभालने से पहले कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने उन्हें गांव के दौरे में आश्वासन दिया था कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनेगी भगत सिंह समेत अपनी जान कुर्बान करने वाले सभी स्वाधीनता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए सिफारिश करेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद यह वायदा भुला दिया गया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी कहते है कि इस सिफारिश के बजाय कोई निजी काम हो तो बताओ।
जसवन्त सिंह ने कहा कि उनका कोई और निजी काम नहीं है। अब मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की वायदा खिलाफी के चलते अपनी मांग को लेकर फिर आंदोलन को आगे बढाएंगे। इनमें दिल्ली जाकर धरना देना भी शामिल है।