कांग्रेस ने बार बार बदला नोटिफिकेशन
पहले नोटिफिकेशन में सभी युवा वर्ग को स्मार्टफोन देने का वादा किया था पर नोटिफिकेशन बदलने के बाद यह सिर्फ 11वीं 12वीं की छात्राओं को ही दिया जाना है। युवा कांग्रेस की हइस वादा खिलाफी से नारज हैं। खास बात है कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने राज्य में 30 लाख नौजवानों से फार्म भरवाए थे। इनमें पटियाला, लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और बठिंडा जिलों में फार्म भरने वाले नौजवानों की संख्या सबसे ज्यादा थी। वादे के मुताबिक, नौजवानों को 4जी स्मार्टफोन के साथ एक साल के लिए मुफ्त इंटरनेट और कॉल सुविधा भी दी जानी है। लेकिन बाद में सरकार की ओर से कई शर्ते भी जोड़ दी गईं, जिसके तहत मुफ्त स्मार्टफोन उन्हें ही दिए जाएंगे, जिन नौजवानों को परिवारों की सालाना आय 6 लाख रुपए से कम है और जिन नौजवानों के पास कोई स्मार्टफोन नहीं है। साथ ही, नौजवान 10वीं पास होना चाहिए।
कांग्रेस ने 2016 में क्या किया था वादा
20 नवंबर, 2016 को कांग्रेस ने अपने चुनाव मेनिफेस्टो में वादा किया था कि सत्ता में आते ही 100 दिन के भीतर 18-35 साल के बेरोजगार युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाएंगे। लेकिन सत्ता संभालने के बाद अपने पहले ही बजट में कांग्रेस सरकार ने खजाना खाली होने का हवाला देते हुए सभी वादे बारी-बारी से पूरे करने की बात कही। हालांकि बजट में स्मार्टफोन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान भी किया गया। लेकिन 2017 की दीवाली तक यह वादा पूरा नहीं हो सका। 2018 में भी वित्त मंत्री ने दीवाली तक स्मार्टफोन बांट दिए जाने का ऐलान किया लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। इस साल 14 सितंबर को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दावा किया था कि इस बार दीवाली पर नौजवानों को स्मार्टफोन बांटकर सरकार अपना वादा पूरा कर देगी। वित्त मंत्री ने स्मार्टफोन खरीदने के लिए 130 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी और टेंडर जारी करने की बात भी कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।