बादल ने विधानसभा के बजट सत्र की दूसरे दिन की बैठक में भाग लेने के बाद सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर घर को एक नौकरी देने का वायदा पूरा नहीं किया गया है। इसी तरह किसानों के सभी कर्ज माफ करने का वायदा किया गया था। इनमें सहकारी बैंक,राष्ट्रीय बैंक और आढतियों के कर्ज माफ करने थे। अभी तक सहकारी बैंकों के कर्ज माफ नहीं किए गए है।
बादल ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याएं भी है। लेकिन उन्हें मिलने का वक्त भी नहीं दिया जा रहा है। समस्याएं वो ही हल कर सकता है जिसके दिल में हमदर्दी हो। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल अकाली-भाजपा सरकार ने जो किया, वह आजादी के बाद नहीं किया गया था। सडकें बनाई गईं और मुफ्त बिजली दी गई। कर्मचारी अगर आंदोलन करते थे तो वे स्वयं मिलते थे। कर्मचारी तो अपने बच्चे हैं उनसे मिलना चाहिए। यह नहीं होना चाहिए कि मिलने से ही इनकार कर दो। कानून-व्यवस्था बहुत खराब है। बच्चियों से बलात्कार किए जा रहे है।