पंजाब सरकार की ओर से जो आंकडे जारी किए जा रहे हैं उनके अनुसार केन्द्र सरकार ने अभी स्काॅलरशिप के तहत पंजाब के करीब 1600 करोड़ रूपए रोके हुए है। अब ऐसे संकेत मिले हैं कि पंजाब सरकार अनुसूचित जाति छात्रों को इस स्काॅलरशिप स्कीम के तहत अपनी ओर से राहत देने के लिए कोई नीति बनाने जा रही है। बहरहाल आॅडिट में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके अनुसार छात्रों के पूरे सत्र की पढाई पूरी न करने के बावजूद स्काॅलरशिप के तहत राशि प्राप्त करने वाले सरकारी संस्थानों में पंजाबी यूनिवर्सिटी का भटिंडा स्थित क्षेत्रीय केन्द्र भी शामिल है। इस केन्द्र ने इस तरह 28 लाख रूपए की राशि उठाई है। इसे विवादित राशि बताया गया है। इसी तरह फतेहगढ साहिब स्थित गुरूग्रंथ साहिब यूनिवर्सिटी द्वारा 1.4 करोड रूपए की राशि विवादित तौर पर ली गई। पटियाला स्थित पंजाबी यूनिवर्सिटी की ओर तो आॅडिट में 16.94 करोड रूपए विवादित राशि बताई गई है। जालंधर स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज की ओर 20 लाख रूपए होशियारपुर स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलाॅजी की ओर 1.4 करोड रूपए विवादित निकाले गए है।
इनके अलावा सरकारी स्कूल ओर तकनीकी शिक्षा संस्थानों को शामिल करते हुए साठ सरकारी संस्थानों पर इस तरह विवादित राशि उठाने की बात सामने आई है। इन संस्थानों के मामले में यह पाया गया कि पझाई छोड जाने पर भी छात्रों की फीस का भुगतान प्राप्त किया गया और आय व अनुसूचित जाति जैसे प्रमाणपत्र लिए बगैर ही फीस ली गई।