बार कौंसिल के अध्यक्ष विजेंन्द्र सिंह अहलावत ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी वकील की मृृत्यु होने पर एक से चार लाख तक मदद दी जाती है। मेडिकल मदद डेढ लाख रूपए दी जाती है। वकील के कानूनी पेशा छोडने पर डेढ से चार लाख रूपए तक मदद दी जाती है।
यह भी पढे: SC ने कहा: एनआरसी केवल ड्राफ्ट है, फिलहाल घुसपैठियों के खिलाफ नहीं होगी दंडात्मक कार्रवाई
उन्होंने कहा कि एडवोकेट वेलफेयर एक्ट लागू कराने में मदद के लिए वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत सभी न्यायाधीशों का आभार व्यक्त करते है। बार कौंसिल से करीब 94 हजार वकील जुडे हैं और लाखों रूपए की मदद वकीलों को दी गई है। एडवोकेट वेलफेयर एक्ट लागू होने के बाद पंजाब में नया वकालतनामा लगाने पर 15 रूपए और हरियाणा व चंडीगढ में 25 रूपए का स्टाम्प लगेगा। अहलावत ने बताया कि इस वर्ष पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार कौंसिल और पंजाब,हरियाणा व चंडीगढ की बार एसोसिएशन के चुनाव एक साथ छह अप्रेल को शांतिपूर्ण ढंग से करवाए गए है। आगे भी हर साल अप्रेल के पहले शुक्रवार को बार एसोसिएशन चुनाव कराने का विचार किया गया है। बता दें कि यह एडवोकेट वेलफेयर एक्ट लागू होने के बाद वकिलों को बहुत फायदा मिलेगा।
यह भी पढे: मिशन 2019: विपक्षी एकता मजबूत करने में लगीं ममता बनर्जी, आज सोनिया गांधी समेत कई नेताओं से मिलेंगी