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पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल की सभा में पार्टी की प्रदेश सरकार के काम को अधूरा बताया

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Feb 11, 2019 04:23:47 pm

Submitted by:

Prateek

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने किसानों की कर्ज मुक्ति,नशा मुक्ति और धर्मग्रंथों के अपमान मामले में और काम करने की जरूरत बताई…

sunil jhakar file photo

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(चंडीगढ): पंजाब में सत्तारूढ कांग्रेस जहां आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है, वहीं अपनी पार्टी की सरकार के करीब दो साल के कामकाज की समीक्षा में असंतोष व्यक्त कर रही है। हाल में नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष,कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यों में कांग्रेस विधायक दल के नेताओं की बैठक में इस बात का खुलासा स्वयं पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने किया।

 

इस बैठक में पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड ने कहा कि पंजाब में किसानों के कर्ज माफ करने, प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने और धर्मग्रंथों के अपमान को रोकने के मामले में और काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पार्टी का राजनीतिक संदेश प्रभावी रूप से सुधारने की जरूरत है। हालांकि इस रणनीतिक बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार द्वारा किसानों के 5500 करोड के कर्ज माफ करने, नशा मुक्ति अभियान के तहत 25000 लोगों की गिरफ्तारी किए जाने की जानकारी देते हुए राहुल गांधी को प्रदेश की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के संबोधन के बाद सुनील जाखड बोले तो उन्होंने प्रदेश में इन तीन मुद्यों पर और काम करने की जरूरत बताई। जाखड ने राहुल गांधी को बताया कि कर्ज माफी से किसान खुश नहीं है। इस योजना से किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता भी सीधे जुडे नहीं है। योजना को राजनीतिक तरीके से लागू करने के बजाय नौकरशाहों के जरिए लागू किया गया है। किसानों की कर्ज माफी के राजनीतिक संदेश में और सुधार किया जा सकता है। नशा विरोधी अभियान के मामले में जाखड ने कहा कि लोग चाहते हैं कि बडी मछलियों पर कार्रवाई की जाए। जाखड ने इस तरह अकाली दल के एक वर्ग की ओर अंगुली उठाई। वर्ष 2015 में गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं के मामलों में अभी दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है। लोग चाहते हैं कि इन्हें कानून के दायरे में लाया जाए।

उधर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव जब भी प्रदेश सरकार के कार्यकाल के मध्य में हुए है, तब चुनावी नतीजे सत्तारूढ दल के खिलाफ गए है। सत्तारूढ दल पर एंटी इंकमबेंसी का असर रहा है। ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले अपने प्रदर्शन में सुधार की जरूरत होगी।

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