हरमीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार खेतों फसलों के अवशेष रूप पराली को जलाने से रोकना चाहती है तो किसान को प्रति किला जमीन पांच हजार रूपए के हिसाब से मदद दी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यूनियन की मांग है कि किसान का पूरा कर्ज माफ किया जाए। अभी राजनीतिक आधार पर कर्ज माफी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसान को समर्थन मूल्य भी सी-2 फाॅर्मूले के अनुसार मिलना चाहिए। इसके अलावा किसान की जमीन की कुर्की रोकी जानी चाहिए और कर्ज के मामले आपराधिक बनाने के बजाय सिविल ही रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान को अपनी मांगों के लिए मजबूरन आंदोलन करना पडता है और फिर मुकदमे हाइकोर्ट तक पहुंच जाते है।
हाइकोर्ट ने बिजली सब्सिडी को लेकर पूछा सवाल
इधर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बडे किसानों को बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने एक सवाल किया है। किसानों को बिजली पर दी जा रही सब्सिडी समाप्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सवाल किया है कि क्यों ना बिजली पर सब्सिडी सभी के लिए समाप्त कर दी जाए? हाईकोर्ट ने इस सवाल के साथ ही सुनवाई की अगली तिथि 25 अक्टूबर तय की है। हाईकोर्ट ने हरियाणा को इस तिथि को अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा है।