scriptEase of Doing Business में पिछड़ने पर पंजाब सरकार का सबसे बड़ा फैसला | Punjab Government's biggest decision on lagging in Ease of Doing Busin | Patrika News

Ease of Doing Business में पिछड़ने पर पंजाब सरकार का सबसे बड़ा फैसला

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Sep 09, 2020 08:09:02 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा- कारोबार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्व-मंजूरी (Deemed Approvals) की नयी प्रणाली को लागू किया जायेगा।

captain amarinder singh

captain amarinder singh

चंडीगढ़। व्यापारिक सुविधा सम्बन्धी सर्वेक्षण (Ease of Doing Business Survey) में पंजाब 19वें स्थान पर है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का निशाना अगले पाँच साल में राज्य को सर्वोच्च स्थान पर ले जाने का है। इसके लिए कारोबार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्व-मंजूरी (Deemed Approvals) की नयी प्रणाली को लागू किया जायेगा।
लुधियाना, राजपुरा, बठिंडा और मोहाली में अत्याधुनिक मेगा पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्व-मंजूरियों की नयी प्रणाली पर काम कर रही है जिसमें निर्धारित समय सीमा ख़त्म होने पर अपने आप ऑनलाइन मंजूरी जारी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि विदेशी और घरेलू कंपनियों को खींचने के लिए नये औद्योगिक पार्क भी स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लुधियाना, राजपुरा, बठिंडा और मोहाली में अत्याधुनिक मेगा पार्क स्थापित हो रहे हैं। पंजाब को बीसवीं सदी में नंबर एक राज्य था, उद्योगों को न्योता दिया कि वह राज्य का पहला वाला स्थान फिर हासिल करने के लिए सरकार की कोशिशों में अपना योगदान दें।
निवेशकों को और भी सहयोग देंगे
निवेशकों को पूरा सहयोग देने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के उपरांत आने वाले साल में पहले जैसा माहौल होने पर वह निवेशकों को और भी सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अफसरों की टीम पंजाब में उद्योगों को मदद और सुविधा देने के लिए हर संभव कोशिशें करेगी। अपने कौशल प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने और इसको नौकरी आधारित बनाने के लिए उद्योगों को राज्य के हिस्सेदार बनने का न्योता देते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,‘आपको कुशल मानवीय शक्ति चाहिए और आप इन शिक्षित नौजवानों की सेवाओं को अच्छे पैकेज पर ले सकते हो।’
बेरोजगार नौजवानों की शिनाख़्त की जा रही
मुख्यमंत्री चितकारा यूनिवर्सिटी की तरफ से ‘पंजाब घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत कोविड के बाद की दुनिया के लिए नौकरी के क्षेत्र और जरूरी कौशल सम्बन्धी कुछ औद्योगिक दिग्गजों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। राज्य के हर घर में रोजग़ार देने के दृष्टिकोण को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘घर-घर रोजग़ार मिशन’ प्रोग्राम की सफलता के साथ नौजवानों के लिए रोजग़ार के मौके पैदा हुए हैं। सभी जिलों में जि़ला रोजग़ार और उद्यमी ब्यूरो स्थापित किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उद्योगों की कुशल श्रम की माँग को पूरा करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि कौशल की कमी वाले बेरोजगार नौजवानों की शिनाख़्त की जा रही है और रोजग़ार देने वाले की माँग के साथ मेल खाते हो। उन्होंने कहा कि इस सुविधा का फ़ायदा लेने के लिए अब तक 8 लाख से अधिक नौजवानों ने अपने आप को रजिस्टर्ड किया है।
हमें बदलना होगा
मुख्यमंत्री ने पंजाब को पेश चुनौतियों का जि़क्र किया जिसमें कृषि अर्थव्यवस्था प्रमुख तौर पर शामिल है और उनकी सरकार की तरफ से औद्योगीकीकरण की तरफ बढऩे के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर ग्रामीण बच्चों को कुशल बनाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति, जिसको इस समय पर राज्य की तरफ से विस्तार में जाँचा जा रहा है, को राज्य की ज़रूरतों के मुताबिक दर्शाया जाना चाहिए। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि दुनिया बदल रही है और हमें भी इस अनुसार बदलना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के यत्नों का मकसद राज्य में बेहतरीन यूनिवर्सिटी से सम्बन्धित शिक्षा और कौशल को उत्साहित करके बुद्धिमान लोगों के देश से बाहर जाने को रोकना है। उन्होंने कहा कि मोहाली को शिक्षा के केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है और पलाकशा यूनिवर्सिटी भी यहाँ ही स्थापित की जा रही है।
किसानों को धान के फसली चक्कर से निकालेंगे

पानी की संवेदनशील स्थिति समेत राज्य के सामने अन्य चुनौतियों का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को धान के फ़सली चक्कर में से निकाल कर अधिक मुनाफे वाली फसलों की तरफ ले जाने की कोशिशें कर रही है जबकि उद्योग को ज़ोरदार ढंग से उत्साहित कर रही है जिसको हरियाणा के अतिस्तत्व में आने के मौके पर बड़ा आघात लगा था।
64,000 करोड़ रुपए का निवेश
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि महामारी ने औद्योगिक विकास की प्रक्रिया को चोट पहुंचाई जिससे आर्थिकता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि संकट के समय दौरान भी राज्य को 2500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ जो पंजाब में निवेश की भरोसगी का मज़बूत संदेश है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार की तरफ से नयी औद्योगिक नीति को लागू करने के बाद साढ़े तीन सालों में राज्य में ज़मीनी स्तर पर 64,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
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