तरनतारन में विदेशों से मूवमेट बढ़ाने का प्रयास
्रसइस समय विदेश में रह रहे खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ व बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वधावा सिंह बब्बर कभी यहां से खालिस्तान की मूवमेंट चलाया करते थे। अब वे वहीं से मूवमेंट में लगे हैं। पाकिस्तानी सरहद नजदीक होने के यहां आतंकियों की पहुंच आसान है। 80 के दशक में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान आतंकवाद ने पंजाब में सिखों और हिन्दुओं के बीच नफरत की दीवार खड़ी करने की भरपूर कोशिश की। हालांकि समय बदलने के साथ यहां आतंकवाद खत्म हुआ ,लेकिन विदेशों में बैठे खालिस्तानियों को पंजाब की शांति रास नहीं आ रही है। वे कुछ ना कुछ आतंकवादी घटनाएं कर देते हैं।
अब हाईटेक तरीका और हाईटेक तकनीक
अब हाईटेक तरीका व हाईटेक तकनीक का दौर है आतंकवादियों ने भी हाईटेक तकनीक अपनाते हुए ड्रोन से हथियार मंगाने शुरू किए हैं। तरनतारन में फिर आतंक का बोलबाला शुरू हुआ है। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने फिर से इलाके में मौजूदगी दिखाई है। आतंकवादी प्रदेश में बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे, इससे पहले ही एसटीएफ और पुलिस हरकत में आई और इन्हें धरदबोचा, फिर तरनतारन की धरती पर आतंकवादी गतिविधियां दिख रही हैं, तरनतारन ब्लास्ट की जांच में लगी काउंटर इंटेलिजेंस टीम के हाथ कुछ ऐसे सुराग लगे हैं, जो दर्शाते हैं कि तरनतारन की धरती का फिर इस्तेमाल किया जा सकता है।